
पाकिस्तान में डूबेगा चीन का अरबों का निवेश? CPEC के 15 में से 12 प्रोजेक्ट लेट, सुरक्षा पर भी सवाल
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CPEC news: पाकिस्तान के साथ मिलकर तैयार हो रहा चीन का ये प्रोजेक्ट न सिर्फ निवेश के लिहाज से काफी व्यापक है, बल्कि रणनीतिक तौर पर भी इसकी भूमिका बेहद अहम है. इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से चीन के दरवाजे कई तरफ खुल जाएंगे और उसकी आर्थिक गतिविधियां अधिक सुगम हो जाएंगी.
पाकिस्तान के बिगड़े हालात चीन के लिए भी मुसीबत बनते जा रहे हैं. आर्थिक तंगी के बीच कभी सियासी उठापटक तो कभी आतंकी हमले, ये तमाम घटनाएं चीन के ड्रीम प्रोजेक्ट चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) पर भी पलीता लगाती नजर आ रही हैं. 60 बिलियन डॉलर का ये मेगा प्रोजेक्ट अपने तय समय से काफी पीछे चल रहा है और इसके 15 में से सिर्फ 3 प्रोजेक्ट ही पूरे हो पाए हैं.
प्रोजेक्ट में देरी के बीच सुरक्षा को लेकर भी बड़े सवाल खड़े होने लगे हैं. बीते 26 अप्रैल को कराची यूनिवर्सिटी के बाहर एक बलोच महिला ने आत्मघाती हमला किया था, जिसमें चीन के लोगों को टारगेट किया गया था. इस हमले में चीन के तीन शिक्षकों की मौत हो गई थी. जिसके बाद से ही लगातार पाकिस्तान में मौजूद चीन के लोगों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं. अब पाकिस्तान के अंदर से ही इस तरह की आवाज उठी है.
कराची हमले से उठे सुरक्षा पर सवाल
पाकिस्तान के एक वरिष्ठ नेता मुशाहिद हुसैन ने कहा है कि कराची हमले के बाद पाकिस्तान के सिक्योरिटी सिस्टम पर चीन का भरोसा कम हुआ है. चीन के नागरिकों और प्रोजेक्ट की सुरक्षा को लेकर भी गहरा धक्का लगा है. मुशाहिद हुसैन ने कहा है कि चीन में इसे लेकर गहरी चिंता है. बता दें कि एक साल के अंदर पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर ये तीसरा (कराची यूनिवर्सिटी) हमला था.
चीनी नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी रिपोर्ट्स भी चलीं कि चीनी नागरिक बड़ी संख्या में पाकिस्तान छोड़ रहे हैं. हालांकि, पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसी की तरफ से इस तरह की रिपोर्ट और वीडियो को गलत बताया है और जिम्मेदार लोगों पर एक्शन की बात कही है.
क्या पाकिस्तान से बिगड़ रहे चीन के रिश्ते?

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.