पाकिस्तान में जर्मनी के राजदूत ने मोदी सरकार को दी ये नसीहत!
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पाकिस्तान में जर्मनी के राजदूत बर्नहार्ड श्लाघेक ने कहा है कि भारतीय अधिकारियों को कश्मीर के लोगों के मानवाधिकारों का सम्मान करना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत- पाक सीमा पर फिलहाल शांति है लेकिन दोनों देशों के बीच के रिश्तों को सुधारने की जरूरत है.
पाकिस्तान पहुंचे जर्मनी के राजदूत बर्नहार्ड श्लाघेक ने कश्मीर मुद्दे पर बयान दिया है. उन्होंने जर्मन सरकार के हवाले से कहा है कि भारतीय अधिकारी इस बात का ध्यान रखें कि कश्मीरी लोगों के मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं होना चाहिए. पूर्व जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल का जिक्र करते हुए राजदूत ने कहा कि मर्केल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी कश्मीरियों के मानवाधिकारों का जिक्र किया था.
पाकिस्तान के अखबार डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जर्मन राजदूत श्लाघेक ने कहा कि एंजेला मर्केल ने पीएम मोदी से कश्मीर की स्थिति पर चिंता जताई थी. उन्होंने कहा था कि कश्मीर की स्थिति स्थिर नहीं है और वहां बिना किसी भेदभाव के मानवाधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए.
जर्मन राजदूत ने ये बातें रविवार को इस्लामाबाद में मोबाइल पब्लिक लाइब्रेरी के उद्घाटन के मौके पर पत्रकारों से बात करते हुए कहीं.
पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट से निकालने पर भी बोले जर्मन राजदूत
पाकिस्तान जून 2018 से ही पेरिस स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में बना हुआ है. मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग को लेकर पाकिस्तान को इस सूची में रखा गया है. पाकिस्तान की सरकार लगातार खुद को इस सूची से बाहर निकालने की कोशिश करती रही है लेकिन FATF ने अभी तक पाकिस्तान को इस सूची से बाहर निकालने के संकेत नहीं दिए हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, जर्मन चांसलर ने FATF की सूची से निकलने के पाकिस्तान के प्रयासों की सराहना की और कहा कि उन्हें विश्वास है पाकिस्तान का नाम FATF की ग्रे सूची से बाहर कर दिया जाएगा. FATF की अगली समीक्षा बैठक बर्लिन में 14 से 17 जून तक होनी है. श्लाघेक ने कहा कि FATF की टीम को पाकिस्तान का दौरा करना चाहिए ताकि यह देखा जा सके कि पाकिस्तान ने मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के कितने प्रयास किए हैं.
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