
पाकिस्तान में आर्थिक तंगहाली पर भारत ने तोड़ी चुप्पी, मदद के सवाल पर जयशंकर की दो टूक
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पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार नौ साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुका है. आर्थिक तंगहाली से बदहाल पाकिस्तान के ऊपर डिफॉल्ट होने का खतरा मंडरा रहा है. विदेशी मुद्रा का संकट झेल रहे पाकिस्तान पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी टिप्पणी की है.
पाकिस्तान में जारी आर्थिक बदहाली पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने टिप्पणी की है. उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान का भविष्य काफी हद तक उसके अपने कार्यों और उसकी पसंद से निर्धारित होता है. विदेश मंत्री ने कहा कि यह पाकिस्तान पर निर्भर करता है कि वह अपनी आर्थिक परेशानियों से कैसे बाहर निकले.
भारत की ओर से श्रीलंका को दी गई मदद का उल्लेख करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत ने गंभीर आर्थिक संकट में श्रीलंका की मदद की. लेकिन भारत और श्रीलंका के बीच संबंध पाकिस्तान से बिल्कुल अलग हैं.
आर्थिक संकट एक दिन में नहीं आती: विदेश मंत्री
घटते विदेशी मुद्रा भंडार, उच्च महंगाई दर और पाकिस्तानी मुद्रा में तेज गिरावट की वजह से पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है. इससे उबरने के लिए पाकिस्तान आईएमएफ से बेलआउट पैकेज लेने के लिए उच्च टैक्स दरों को लागू करने के लिए तैयार है.
समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "कोई भी व्यक्ति अचानक और अकारण ही किसी कठिन परिस्थिति में नहीं पहुंचता है. पाकिस्तान के साथ आज हमारा ऐसा कोई संबंध नहीं है कि हम सीधे उस प्रक्रिया (मदद) में शामिल हो सकें. यह हमारे पड़ोसी देश पर निर्भर है कि वे इससे उबरने के लिए कोई रास्ता निकालें."
उन्होंने यह भी कहा कि मुझे लगता है कि पाकिस्तान का भविष्य काफी हद तक पाकिस्तान के कार्यों और उसकी पसंद से निर्धारित होता है. श्रीलंका से पाकिस्तान की तुलना को नकारते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देशों के साथ भारत के रिश्ते बिल्कुल अलग हैं.

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