
पाकिस्तान के पास भारतीय मिसाइल का नहीं कोई तोड़? नाकामी पर उठे सवाल
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भारत की मिसाइल पाकिस्तान में गिरी जिसे लेकर पाकिस्तान का कहना है कि वो मिसाइल पर नजर बनाए हुए था. लेकिन इस घटना ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. पाकिस्तान पूर्व में भी भारत के फाइटर जेट, विमानों आदि को रोकने में असफल रहा है.
भारत की एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल हाल ही में पाकिस्तान में क्रैश हो गई. इस मिसाइल क्रैश से पाकिस्तान में खलबली मच गई और भारत-पाकिस्तान के बीच एक नया विवाद छिड़ गया. ये कोई पहला मौका नहीं है जब भारत के रूसी मूल के सुपरसोनिक मिसाइल ने पाकिस्तान में हंगामा खड़ा किया हो. इस तरह की घटनाओं से पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़ा होता है.
इस घटना के कुछ दिनों बाद ब्रह्मोस मिसाइल एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है. समाचार एजेंसी एएनआई ने एक रिपोर्ट में बताया कि भारत ब्रह्मोस के लिए एक एयर-लॉन्च वर्जन विकसित कर रहा है जिससे ब्रह्मोस मिसाइल 800 किलोमीटर से अधिक दूरी पर दुश्मन के ठिकानों पर हमला करने में सक्षम होगी. इससे पहले ब्रह्मोस 300 किलोमीटर की दूरी तक मार करने में सक्षम थी.
ब्रह्मोस के नौसेना वर्जन की मारक क्षमता 350-400 किलोमीटर है. घटना से पहले 5 मार्च को आईएनएस युद्धपोत से मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था. इस परीक्षण के दौरान मिसाइल ने अपने लक्ष्य पर सटीक निशाना साधा था.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्रह्मोस मिसाइल रडार डिटेक्शन से बचने में भी सक्षम है. भारत में लगातार ब्रह्मोस की सीमा बढ़ाई जाती रही है. शुरुआत में इसकी मारक क्षमता 290 किलोमीटर थी जिसे बढ़ाकर 350-400 किलोमीटर किया गया. अब इसकी मारक क्षमता 800 किलोमीटर होगी.
पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम पर फिर उठे सवाल
भारत की तरफ से 9 मार्च को एक सुपरसोनिक मिसाइल पाकिस्तान में 124 किलोमीटर अंदर जा गिरी. मिसाइल के गिरने से कोई हताहत नहीं हुआ बस एक गोदाम को नुकसान पहुंचा. घटना पर पाकिस्तान ने कहा कि ये पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन है और इससे किसी की जान भी जा सकती थी. भारत ने घटना पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि रूटीन मेंटेनेंस के दौरान गलती से मिसाइल फायर हो गई.

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