
पाकिस्तान की चुनावी पिच पर नवाज शरीफ को बार-बार क्यों आ रही इंडिया की याद?
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पाकिस्तान में चुनाव है और वहां के नेताओं में भारत प्रेम जमकर उमड़ रहा है. अर्थव्यवस्था से लेकर महंगाई तक के लिए स्थानीय नेताओं को कसूरवार ठहराया जा रहा है तो भारत मॉडल का हवाला देकर विकास के नए पंख लगाने के सपने दिखाए जा रहे हैं. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अर्थव्यवस्था को लेकर कई बार भारत की सराहना कर चुके हैं. पिछली बार की तरह इस बार भी चुनाव में पाकिस्तान के नेता भारत के नाम पर वोट मांग रहे हैं.
पाकिस्तान में चुनाव हैं और वोटर्स के बीच चर्चा में भारत है. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन के प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ हों या पीटीआई प्रमुख और पूर्व पीएम इमरान. दोनों ही नेता और उनकी पार्टियां भारत के नाम पर ही वोट मांग रही हैं. ये नेता जनता के बीच जाकर भारत की उपलब्धियां गिना रहे हैं. भारत की विदेश नीतियां और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली की खूब तारीफ कर रहे हैं. कोई भारत की तरक्की गिनाकर पाकिस्तान को उसी रास्ते पर आगे ले जाने का सपना दिखा रहा है तो कोई भारत के खिलाफ जहर उगल रहा है और कश्मीर मुद्दा उठाकर लोगों को बरगलाने में लगा है.
पाकिस्तान में 8 फरवरी 2024 को आम चुनाव होने जा रहे हैं. राजनीतिक जानकार कहते हैं कि 2018 में इमरान खान की पार्टी ने चुनाव जीता. लेकिन वे भारत के साथ संबंध ठीक करने में सफल नहीं हो सके. बल्कि रिश्ते निचले स्तर पर आए हैं. उसके उलट पाकिस्तान में नवाज शरीफ का भारत के साथ संबंध सुधारने का पिछला रिकॉर्ड बेहतर है. इमरान या बिलावल भुट्टो परंपरागत रूप से भारत विरोधी माने जाते रहे हैं. हालांकि, 2022 में सत्ता गंवाने के बाद इमरान के सुर भी भारत को लेकर बदले दिख रहे हैं. फिलहाल, पाकिस्तान और उसकी सेना भारत की अहमियत को बेहतर तरीके से समझती है, इसलिए वो रिश्ते को फिर से पटरी पर लाने का कूटनीतिक दांव खेलना चाहती है.
ऐसे में कहा जा रहा है कि क्या पाकिस्तानी सेना नवाज शरीफ को सामने रखकर अपनी छवि सुधारना चाहती है. क्योंकि वे पाकिस्तान में कोई भी प्रधानमंत्री बिना सेना की सहमति के बन नहीं सकता है. इसके अलावा नवाज पर जिस तरह प्रतिबंध हैं, वे बिना सेना की मदद से खत्म भी नहीं किए है जा सकते हैं. क्या नवाज देश की नब्ज को पकड़ते हुए सेना, कोर्ट, इमरान के खिलाफ बयान दे रहे हैं. जानिए...
'भारत की तारीफ का मौका नहीं गंवा रहे नवाज'
पाकिस्तान में भारत के नाम पर वोट मांगने वाले नेताओं में सबसे पहले बात पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की करते हैं. वे अक्टूबर में ही 4 साल बाद ब्रिटेन से लौटे हैं. 73 वर्षीय शरीफ को एवेनफील्ड और अल-अजीजिया मामलों में दोषी ठहराया गया था और तोशाखाना वाहन मामले में अपराधी घोषित किया गया था. नवाज इन मामलों में जमानत पर थे. वे 2019 में इलाज के लिए यूके चले गए थे. ऐसा माना जा रहा है कि वे इस बार पाकिस्तान में प्रधानमंत्री पद के दावेदार हो सकते हैं. हालांकि उन पर काफी प्रतिबंध हैं, लेकिन उन्होंने चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है. हर रैली में वे पड़ोसी देश भारत की लगातार खुलकर तारीफ कर रहे हैं.
'भारत चांद पर पहुंच गया, हम अभी जमीन से ऊपर नहीं उठ पाए'

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.