![पाकिस्तान: अमेरिका से पंगा, सेना भी खिलाफ, 4 दिन की चांदनी, फिर शुरू होगी इमरान की अंधेरी रात!](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202203/im-sixteen_nine.jpg)
पाकिस्तान: अमेरिका से पंगा, सेना भी खिलाफ, 4 दिन की चांदनी, फिर शुरू होगी इमरान की अंधेरी रात!
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Pakistan political crisis: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव नेशनल असेंबली में पेश किया गया है. इस पर 31 मार्च को चर्चा होनी है. इस बीच पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रांत पंजाब के सीएम ने इस्तीफा दे दिया है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की जिंदगी में रोशन चांदनी चार दिन बाद अंधेरी रात में तब्दील हो सकती है. 28 मार्च को पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया. चार दिन बाद 31 मार्च को इस पर चर्चा होनी है. सोमवार को इमरान खान ने अपनी सरकार बचाने के लिए अपने सबसे बड़े प्रांत पंजाब के सीएम को हटा दिया है. ताकि, सहयोगी पीएमएल-क्यू को पंजाब के सीएम पद की गद्दी देकर अपनी पीएम पद की कुर्सी बचाई जा सके. आज ही विपक्ष के महागठबंधन पीडीएम ने शाहबाज शरीफ को अपना नेता भी चुन लिया है.
बता दें कि 342 सांसदों वाली नेशनल असेंबली में बहुमत के लिए 172 सांसद चाहिए होते हैं. पूर्व में इमरान खान की सरकार के पास गठबंधन के साथियों के साथ 178 का समर्थन था. लेकिन अब कहा जा रहा है कि इसमें से 24 सांसद फिलहाल नाराज चल रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 50 सांसद भी साथ छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं. विपक्ष का दावा है कि उन्हें 164 सांसदों का समर्थन है.
27 मार्च को इमरान ने इस्लामाबाद के परेड ग्राउंड में एक रैली की थी. इसमें उन्होंने कहा था कि विदेशी ताकतें उनकी सरकार गिराना चाहती हैं. इमरान ने कहा था कि पाकिस्तान में सरकार बदलने की कोशिश में विदेशी धन का इस्तेमाल किया जा रहा है. अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या ये इमरान खान की आखिरी रैली साबित होगी?
बहुमत खोने के बाद से इमरान खान लगातार रैलियों के जरिए माहौल बनाने की कोशिश करते रहे. उन्हें लग रहा था कि शायद जनता उनके समर्थन में सड़कों पर निकल आएगी, लेकिन जब इस्लामाबाद में तमाम कोशिशों के बावजूद लोग नहीं आए तो इमरान ने आखिरी कोशिश के तहत चिट्ठी हवा में लहराते हुए विपक्षी दलों पर विदेशों से सांठगांठ के इल्जाम की बारिश कर दी.
अमेरिका को नहीं दिया भाव, बाइडेन से लिया पंगा
इमरान खान को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बिल्कुल भाव नहीं दिया. इससे चिढ़कर इमरान खुल्लम-खुल्ला अमेरिका का विरोध करने लगे. इमरान खान ने कभी अफगानिस्तान में हुई हार के बहाने अमेरिका पर निशाना साधा तो कभी चीन की तारीफ करके बाइडेन को नाराज किया. अमेरिका को चिढ़ाने के चक्कर में इमरान रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन से हाथ मिलाने मॉस्को पहुंच गए. नतीजा ये हुआ कि अमेरिकी डॉलर पर चलने वाली पाकिस्तानी सेना इमरान से नाराज हो गई.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात ने दोनों नेताओं के बीच गहरी मित्रता को दर्शाया. ट्रंप ने मोदी को 'आई मिस यू' कहकर स्वागत किया, जबकि मोदी ने दोनों देशों के संबंधों को '1+1=111' बताया. दोनों नेताओं ने व्यापार, सुरक्षा और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की. ट्रंप ने मोदी को 'महान नेता' और 'खास व्यक्ति' बताया. मोदी ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा. दोनों नेताओं ने यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा की और शांति की आवश्यकता पर जोर दिया.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात में दोस्ती और व्यापार पर चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की तारीफ की, लेकिन व्यापार मुद्दों पर तनाव बरकरार रहा. ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की, जो भारत के लिए चुनौती हो सकती है. मुलाकात में एफ-35 फाइटर जेट्स और तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर भी चर्चा हुई.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग पर गहन चर्चा की गई. इस चर्चा में अमेरिका ने भारत को F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट्स, स्ट्राइकर कॉम्बैट व्हीकल्स और जावलिन मिसाइल्स की पेशकश की. विशेषज्ञों का विचार है कि ये हथियार भारत की आत्मनिर्भरता नीति के सटीक अनुरूप नहीं हैं.
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रूस-यूक्रेन जंग को खत्म करने का ब्लू प्रिंट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लगभग तैयार कर लिया है. इससे पहले ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यू्क्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बातचीत की. ट्रंप चाहते हैं कि नाटो में शामिल होने की जिद्द यूक्रेन छोड़ दे लेकिन जेलेंस्की ने अपने देश की सुरक्षा का हवाला दिया है.
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PM नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुई मुलाकात में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. आतंकवाद से निपटने में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बन गई, जिसमें ठाकुर हसन राणा के प्रत्यर्पण का विषय भी शामिल था. फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में भारत-अमेरिका के सहयोग पर भी वार्ता हुई, जहाँ अमेरिकी बाजार में भारतीय जेनेरिक दवाओं की भारी मांग है.