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'PM मोदी अपने मकसद में सफल रहे...' ट्रंप से मुलाकात पर क्या बोले अमेरिकी एक्सपर्ट्स
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अमेरिकी प्रशासन का हिस्सा रह चुके ऐशले जे टेलिस और लिसा कर्टिस का कहना है कि डिफेंस से लेकर व्यापार तक के व्यापक समझौतों ने यह स्पष्ट कर दिया कि ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में अमेरिका-भारत संबंध बहुत अच्छे ढंग से शुरू हुए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक के दौरान कई अहम मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा हुई. यह बात इंडिया टुडे से बातचीत के दौरान अमेरिकी एक्सपर्ट्स ने कही. अमेरिकी प्रशासन का हिस्सा रह चुके ऐशले जे टेलिस और लिसा कर्टिस का कहना है कि डिफेंस से लेकर व्यापार तक के व्यापक समझौतों ने यह स्पष्ट कर दिया कि ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में अमेरिका-भारत संबंध बहुत अच्छे ढंग से शुरू हुए.
जानें क्या बोले अमेरिकी एक्सपर्ट
अमेरिकी विदेश नीति और रक्षा नीति के विशेषज्ञ टेलिस ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा, ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के पहले महीने में, मुख्य रूप से राष्ट्रपति को यह विश्वास दिलाने के लिए थी कि भारत अमेरिका के लिए एक बेहतरीन साझीदार है और मोदी इसमें पूरी तरह सफल रहे.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने यह सुनिश्चित करना चाहा था कि ट्रंप की व्यापार से संबंधित नीतियों से भारत को कुछ राहत मिले. यह एक 'मोदी मेक्स मैजिक' यात्रा थी, क्योंकि ट्रंप जैसी शख्सियत को मनाना आसान नहीं होता. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उनके इंटरएक्शन को देखकर मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री ने जो उद्देश्य रखा था, वह पूरा कर लिया.
हालांकि, ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी से मिलने से ठीक पहले रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की और भारत को "टॉप ऑफ द पैक" बताया, लेकिन दोनों नेताओं ने रक्षा समझौतों पर चर्चा की और 2030 तक 500 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य निर्धारित किया.
समझौतों में भारत को अधिक सैन्य उपकरणों की बिक्री और ट्रंप द्वारा भारत को F-35 लड़ाकू जेट की पेशकश शामिल थी. इसके अलावा, भारत ने अमेरिकी तेल और गैस आयात करने पर भी सहमति जताई, जिससे व्यापार घाटे को कम किया जा सके.
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