
तीन और इजरायली बंधक होंगे रिहा, हमास के कब्जे में अभी भी 73 नागरिक
AajTak
हमास ने कहा कि 369 फिलिस्तीनी कैदियों और बंदियों के बदले में तीनों बंधकों को वापस कर दिया जाएगा. इसके बाद यह आशंका कम हो गई कि 42 दिनों के युद्ध विराम के खत्म होने से पहले समझौता टूट सकता है.
हमास (Hamas) की कैद में रहे इजराइली तीन बंधकों के गाजा से लौटने की उम्मीद है. इनमें इयर हॉर्न, सगुई डेकेल-चेन और साशा ट्रोफानोव नाम के लोग शामिल हैं. पिछले दिनों मिस्र और कतर की मध्यस्थता के बाद गतिरोध कम हुआ. करीब लगभग एक महीने से रुकी जंग के बीच नाजुक युद्ध विराम के टूटने का खतरा पैदा हो गया था. मौजूदा वक्त में हमास के कब्जे में कुल 76 इजरायली बंधक हैं, जिनमें से तीन बंधकों की रिहाई हो जाने के बाद 73 बंधक बचे रह जाएंगे.
हमास ने कहा कि 369 फिलिस्तीनी कैदियों और बंदियों के बदले में तीनों बंधकों को वापस कर दिया जाएगा. इसके बाद यह आशंका कम हो गई कि 42 दिनों के युद्ध विराम के खत्म होने से पहले समझौता टूट सकता है.
गाजा ने लगाया था इजरायल पर आरोप
पिछले दिनों हमास ने पहले और ज्यादा बंधकों को रिहा न करने की धमकी दी थी, क्योंकि उसने इजरायल पर गाजा में सहायता पहुंचाने से रोककर युद्ध विराम की शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था. इसके बाद इजरायल ने भी लड़ाई फिर से शुरू करने की धमकी दी थी, जिसने रिजर्व बलों को बुला लिया था और अपनी सेनाओं को हाई अलर्ट पर रखा था.
पिछले सप्ताह रिहा किए गए तीन बंधकों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाओं से इजरायली नाराज थे, बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन भी हुए. प्रोटेस्ट के दौरान मांग की गई कि सरकार सभी बंधकों को वापस लाने के समझौते को जारी रखे. युद्धविराम के बने रहने की संभावनाएं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस आह्वान से भी धुंधली हो गई कि फिलिस्तीनियों को गाजा से स्थायी रूप से बाहर निकाल दिया जाए और इलाके को फिर से डेवलप करने के लिए अमेरिका को सौंप दिया जाए.
यह भी पढ़ें: हमास ने इजरायली बंधकों की रिहाई पर क्यों लगाई रोक, दुनिया आजतक में जानें

नेपाल के शिक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वह भविष्य में ओडिशा के किसी भी विश्वविद्यालय या शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ने के इच्छुक अपने छात्रों को अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी करना निलंबित कर सकता है. नेपाल सरकार ने KIIT में पढ़ने वाले नेपाली छात्र-छात्राओं के अभिभावकों से धैर्य बनाए रखने की भी अपील की.

कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी सोमवार रात नई दिल्ली पहुंच गए हैं. कतर के अमीर दूसरी बार भारत के आधिकारिक दौरे पर पहुंचे हैं. कतर के अमीर का भारत आना पाकिस्तान में भी चर्चा का विषय बन गया है. पाकिस्तान में विदेशी मामलों के एक्सपर्ट कमर चीमा ने अपने देश की कूटनीति पर सवाल उठाए और पीएम नरेंद्र मोदी की सराहना भी की.

रूस-यूक्रेन युद्ध में नया मोड़: यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की अचानक यूएई यात्रा से उठे कई सवाल. क्या हो रही है गुप्त शांति वार्ता? अमेरिका के युद्ध विराम प्रस्ताव में यूक्रेन को नाटो से दूर रखने की शर्त. रूस के कब्जे वाले क्षेत्रों पर सहमति की संभावना. पूर्वी यूक्रेन में डीमिलिटराइज्ड जोन का प्रस्ताव. ब्रिटेन की भूमिका पर सवाल, यूरोप के अन्य देशों का असहमति. चीन और भारत की शांति सेना भेजने की संभावना पर चर्चा. युद्ध विराम के लिए गैर-नाटो देशों की भूमिका पर जोर.

सऊदी अरब के रियाद में रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक हो रही है. इसमें अमेरिका और रूस के शीर्ष अधिकारी शामिल हैं, लेकिन यूक्रेन को इससे बाहर रखा गया है. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इस पर नाराजगी व्यक्त की है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पहल पर यह वार्ता हो रही है. फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने यूरोपीय नेताओं की अलग बैठक बुलाई है. रूस ने कहा है कि वह यूक्रेन से जीते गए क्षेत्रों पर बातचीत नहीं करेगा.

कतर अपनी छोटी भौगोलिक सीमा के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय कूटनीतिक और सामरिक विवादों को सुलझाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले देश के रूप में ऊभर रहा है. ऐसा कतर की स्वतंत्र विदेश नीति, आर्थिक शक्ति, अंतर्राष्ट्रीय मीडिया प्रभुत्व के कारण संभव हो सका है. कतर अपनी विदेश नीति में स्वतंत्र रहा है, जिसने उसे विभिन्न देशों और समूहों के साथ संवाद का मौका दिया है. यह दोहा को एक तटस्थ मध्यस्थ के रूप में स्थापित करता है.

पायल कपाड़िया के निर्देशन में बनी 'ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट' को सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा की फिल्म का बाफ्टा अवॉर्ड नहीं मिल सका है. समीक्षकों द्वारा सराही गई यह मूवी इस कैटेगरी में फ्रेंच-स्पेनिश भाषा की फिल्म 'एमिलिया पेरेज' से पिछड़ गई. लंदन के रॉयल अल्बर्ट हॉल में रविवार को आयोजित बाफ्टा अवॉर्ड्स समारोह में एमिलिया पेरेज ने सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा की फिल्म का पुरस्कार जीता.