पहाड़ काटे गए, बाजार बसाए गए, जब जंगल में रखी गई नई दिल्ली की नींव... राजधानी के बसने की कहानी!
AajTak
दिल्ली शहर है ही ऐसा. हिंदुस्तान की सरजमीं या उससे हजारों मील दूर विदेशों में भी रह रहे किसी भी भारतीय के लिए दिल्ली दूर नहीं है. जो यहां है ये उसकी भी साड्डी दिल्ली है और जो हिंदुस्तान के किसी और कोने में है उसकी भी.
विधानसभा चुनाव 2025 के लिए तैयार हो रही दिल्ली आज जितनी आधुनिक दिखती है वो कई परिवर्तनों के काल से गुजरकर बनी है. यहां की गलियों में इतिहास के अनगिनत पन्ने छुपे पड़े हैं. आप जड़ें तलाशने जाएंगे तो शहर की तहों के अंदर शहर और संस्कृतियों की परतों के नीचे संस्कृतियों की कहानियां खुलती चली जाएंगी. कभी इस दिल्ली ने सुल्तानों का राज देखा तो कभी मुगलों की शानों-शौकत, फिर 1911 में अंग्रेज कोलकाता से राजधानी बदलकर दिल्ली लाए. फिर इस शहर को नए सिरे से बसाया गया. अचानक उजाड़ पड़े इलाकों में आलीशान इमारतें खड़ी होने लगीं. नई दिल्ली के बसने की कहानी भी गजब है.
मुजफ्फर हनफी की एक शायरी है-
'कुछ भी हों दिल्ली के कूचे, तुझ बिन मुझ को घर काटेगा...'
दिल्ली शहर है ही ऐसा. हिंदुस्तान की सरजमीं या उससे हजारों मील दूर विदेशों में भी रह रहे किसी भी भारतीय के लिए दिल्ली दूर नहीं है. जो यहां है ये उसकी भी साड्डी दिल्ली है और जो हिंदुस्तान के किसी और कोने में है उसकी भी. दिल्ली के बार-बार उजड़ने और फिर बसते जाने की कहानियों ने एक ऐसी मिली-जुली संस्कृति वाली दिल्ली बना दी जिसकी मिसाल दुनिया में कहीं और नहीं मिलेगी.
मध्यकाल में सल्तनतों और मुगलों के काल में विकसित दिल्ली को किलों की दिल्ली कहा जा सकता है. इस दिल्ली के किलों के दरवाजे बाहर की ओर अभिमुख वाले थे और इनमें से अधिकतर के नाम दिशा सूचक थे. जैसे बदायूं, अजमेर, लाहौर, कश्मीर. यानी जो बड़े शहरों की दिशा बताने वाले थे. इसी तरह शहर की दीवार से बाहर बने थोक वस्तुओं के बाजार बेशक मुहल्ले बन गए पर उनके नाम बदस्तूर जारी रहे, जैसे- रकाबगंज, मलका गंज, पहाड़ गंज और सब्जी मंडी.
फिर अंग्रेजों का आना हुआ और दिल्ली से मुगलिया पहचान फीकी पड़ने लगी. अंग्रेजों ने कोलकाता से राजधानी दिल्ली शिफ्ट की तो नई दिल्ली की नींव पड़ीं.
भारतीय टीम को अगले महीने दुबई में चैम्पियंस ट्रॉफी खेलनी है. मगर इसी बीच तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी, स्पिन ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा, विकेटकीपर बल्लेबाज केएल राहुल को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है. इनके भविष्य पर तलवार लटकती दिख रही है. पिछला वनडे वर्ल्ड कप खेलने वाले यह तीनों स्टार अब टीम में अपनी जगह के लिए जूझ रहे हैं.
सृष्टि की रचना के बाद ब्रह्मा जी ने प्रयागराज में 12 माधव (द्वादश माधव) की स्थापना की थी. इन मंदिरों की परिक्रमा से व्यक्ति को पवित्रता का फल और मोक्ष मिलता है, ऐसा माना जाता है. माना जाता है कि संगम में कल्पवास और स्नान का पूर्ण फल तभी प्राप्त होता है, जब श्रद्धालु इन 12 माधव मंदिरों की परिक्रमा करते हैं.
Explore the escalating political conflict in Delhi involving the dispute over Chief Minister Arvind Kejriwal's residence. With both BJP and Aam Aadmi Party engaging in heated exchanges, the situation intensifies as BJP questions the residence, accusing political vendetta, and APP stands in defense. This controversy has amplified following the announcement of Delhi election dates.
दिल्ली के चुनावी दंगल में कांग्रेस के हाथ का साथ सभी सहयोगी दलों ने छोड़ दिया है. इंडिया ब्लॉक के तमाम घटक दलों के द्वारा केजरीवाल को समर्थन के बावजूद भी कांग्रेस पार्टी दिल्ली में पूरे दमखम के साथ उतर रही है और 15 जनवरी को नया पार्टी मुख्यालय खोल रही है. दिल्ली की अहम सीटों पर मजबूत चेहरे उतार रही है.