नो बैग, 10 दिन घूमना और बढ़ई-माली लेंगे क्लास... दिल्ली में इतनी बदल जाएगी स्कूलों की पढ़ाई
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शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के तहत अलग-अलग तारीखों पर 10 दिन छात्रों को बिना बैग स्कूल आना होगा. इस दौरान छात्र ऐतिहासिक स्मारकों, सांस्कृतिक स्थलों, शिल्प केंद्रों, पर्यटन स्थलों और कई अन्य स्थानों पर जा सकते हैं. वे कलाकारों और शिल्पकारों से मिल सकते हैं. इसके अलावा कई प्रैक्टिकल एक्टिविटीज में हिस्सा ले सकते हैं.
दिल्ली के स्कूलों में नो बैग पॉलीसी लागू होने वाली है. राष्ट्री शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत स्कूली छात्रों को अलग-अलग दिनों में कुल 10 दिन बैग लेकर नहीं जाना होगा, जिससे उनके कंधों का बोझ हल्का हो सकेगा. नई नियमावली छात्रों को अधिक समय खेलने, रिक्रिएशन करने और अपनी रुचि के अनुसार किसी और काम में शामिल होना का मौका देगी. जो बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए एक बहुत जरूरी कदम माना जा सकता है. शिक्षा निदेशालय (DoE) ने दिल्ली के स्कूलों में 10 दिन बैगलेस को लेकर दिशानिर्देश जारी किया है.
दिल्ली के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में कक्षा छह से आठ तक के छात्रों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिश के अनुसार दिशा-निर्देश तैयार किए हैं.
शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी एक सर्कुलर में लिखा है, "इन दिशानिर्देशों के तहत, छात्र ऐतिहासिक स्मारकों, सांस्कृतिक स्थलों, शिल्प केंद्रों, पर्यटन स्थलों और कई अन्य स्थानों पर जा सकते हैं. वे कलाकारों और शिल्पकारों से मिल सकते हैं, विभिन्न कॉन्सेप्ट्स और ट्रेडिशनंस के बारे में अपनी समझ बढ़ा सकते हैं और विरासत को संरक्षित करने के महत्व को समझने में उनकी मदद कर सकते हैं."
सर्कुलर में कहा गया है कि स्टूडेंट्स के लिए एक्टिविटीज को उस हिसाब से चुना जा सकता है, जिससे स्कूल के पास उपलब्ध रिसोर्स का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जा सके. हैप्पीनेस करिकुलम या विजिट्स के दौरान आयोजित बैगलेस एक्टिविटीज को बैगलेस दिनों में शामिल किया जा सकता है."
शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी की गई पिछली अधिसूचना के अनुसार, बैगलेस डेज के तहत प्रत्येक छात्र को कक्षा 6-8 के दौरान एक मजेदार कोर्स करने का मौका मिलेगा. ये कोर्स राज्यों और स्थानीय समुदायों द्वारा तय किए गए और लोकल लेवल स्किल्स के अनुसार वोकेशनल क्राफ्ट जैसे बढ़ई, बिजली का काम, धातु का काम, बागवानी, मिट्टी के बर्तन बनाने आदि के सैंपल का सर्वे और प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस ले सकेंगे. मंत्रालय ने कहा कि सभी छात्र कक्षा 6-8 के दौरान किसी समय 10-दिवसीय बैगलेस अवधि में भाग लेंगे, जिसके दौरान वे स्थानीय व्यावसायिक विशेषज्ञों जैसे बढ़ई, माली, कुम्हार आदि के साथ इंटर्नशिप करेंगे.
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