नीतीश के बेटे की राजनीति में होगी एंट्री? जानें अटकलों में कितना दम
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बिहार में साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं और चुनावी साल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पुत्र निशांत कुमार को लेकर कयासों का दौर तेज हो गया है. निशांत सियासत से कोसो दूर रहे हैं. नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जनता दल के नेता भी समय-समय पर उन्हें सियासत में लाने की मांग सीएम से करते रहे हैं. निशांत के सियासी आगाज को लेकर फिर से अटकलों का बाजार गर्म हो गया है.
उत्तर भारतीय शास्त्रीय संगीत के पुरोधा रहे हैं आचार्य पंडित विष्णु दिगंबर पलुस्कर. पलुस्कर ने ही राग मिश्र में 'रघुपति राघव राजा राम भजन' को पिरोया था और वह इसे नित्य अपनी पूजा में गाया करते थे. जिस समय में भारतीय शास्त्रीय संगीत अपनी चमक खो रहा था, पंडित जी ने इसे फिर से प्रकाशित किया और इसके लिए सबसे अच्छा मंच उन्हें स्वतंत्रता आंदोलनों में ही मिला.
कुंभ हो, अर्द्धकुंभ हो, पूर्ण कुंभ हो या महाकुंभ हो, इन सबमें सबसे बड़ा अमृत स्नान मौनी अमावस्या का होता है. इस स्नान को मोक्ष की प्राप्ति के लिए जरूरी माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन प्रयागराज की त्रिवेणी में अमृत बहता है, जिसकी वजह से ज्यादातर लोग 'गंगा' नदी या यमुना नदी में स्नान करने के बजाय संगम की नोज़ में स्नान करने का संकल्प लेते हैं.
परिवहन विभाग ने बताया, 'आधिकारिक रिकॉर्ड में यह पाया गया है कि गाड़ी मेजर अनुभव शिवपुरी के नाम पर रजिस्टर्ड है, जो 3 साल पहले आर्मी डेंटल कॉलेज, पठानकोट में तैनात थे और खड़की, महाराष्ट्र के स्थायी निवासी हैं. इसके अलावा, रजिस्ट्रेशन नंबर पीबी 35 एई 1342 पर रजिस्टर्ड गाड़ी 2018 मॉडल की फोर्ड इको स्पोर्ट है, लेकिन पुलिस द्वारा पकड़ी गई गाड़ी हुंडई क्रेटा है.'
दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रोहिणी विधानसभा में बीजेपी प्रत्याशी के समर्थन में चुनाव प्रचार किया. इस दौरान उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला बोला. फडणवीस ने कहा कि केंद्र सरकार के कारण ही दिल्ली में विकास हुआ है और अगर केजरीवाल के हाथ में केवल दिल्ली होती तो लोग सांस भी नहीं ले पाते. VIDEO
महाकुंभ में शानदार व्यवस्था का दम भरने वाले जिम्मेदारों के कागजी दावे ताश के पत्तों की तरह धाराशायी हो गए. आस्था की सबसे बड़ी डुबकी का मौका आया तो लोगों को भगवान के भरोसे छोड़ दिया गया. अगर व्यवस्था चाकचौबंद थी और 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के क्राउड मैनेजमेंट की पूरी तैयारी थी, तो हादसा कैसे हो गया?