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दोस्त रूस का ये बयान भारत को कर सकता है नाराज!
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रूस में बीते बुधवार को मॉस्को वार्ता का आयोजन हुआ था जिसमें भारत ने अफगानिस्तान को मानवीय आधार पर मदद करने का ऐलान किया था. रिपोर्ट्स के अनुसार, इस वार्ता के दौरान भारत रूस के एक बयान को लेकर खुश नहीं है. रूस का ये बयान अफगानिस्तान से जुड़ा हुआ है.
रूस ने अफगानिस्तान पर वार्ता के लिए बने ट्रॉइक प्लस में भारत को नहीं रखा था. भारत को इसमें रखने की मांग भी हुई थी लेकिन रूस ने अनसुना कर दिया था. अब तालिबान जब सत्ता में आया तो रूस ने एक बार फिर मॉस्को फॉर्मैट वार्ता के लिए कई देशों को बुलाया. हालांकि, अमेरिका इसमें शामिल नहीं हुआ लेकिन इस बार भारत को बुलाया गया था.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात ने दोनों नेताओं के बीच गहरी मित्रता को दर्शाया. ट्रंप ने मोदी को 'आई मिस यू' कहकर स्वागत किया, जबकि मोदी ने दोनों देशों के संबंधों को '1+1=111' बताया. दोनों नेताओं ने व्यापार, सुरक्षा और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की. ट्रंप ने मोदी को 'महान नेता' और 'खास व्यक्ति' बताया. मोदी ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा. दोनों नेताओं ने यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा की और शांति की आवश्यकता पर जोर दिया.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात में दोस्ती और व्यापार पर चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की तारीफ की, लेकिन व्यापार मुद्दों पर तनाव बरकरार रहा. ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की, जो भारत के लिए चुनौती हो सकती है. मुलाकात में एफ-35 फाइटर जेट्स और तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर भी चर्चा हुई.