देश में कुत्तों की किन नस्लों पर लग सकता है प्रतिबंध, बाकी मुल्कों में कितने सख्त हैं खूंखार कुत्तों पर नियम?
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बीते कुछ समय से विदेशी नस्ल के कुत्तों के हमले में लोगों की मौत जैसी घटनाएं सुर्खियों में रहीं. इस बीच ये बात भी मानी गई कि ऐसी ब्रीड को पालना खुद डॉग्स के साथ नाइंसाफी है. यही देखते हुए भारत सरकार ने 23 खूंखार नस्लों पर पाबंदी लगाने की बात की. दुनिया के लगभग सारे देशों में कई ब्रीड्स पर दशकों पहले से पाबंदी लगी रही.
देश के अलग-अलग हिस्सों से डॉग अटैक के दिल दहलाने वाले मामले लगातार आ रहे हैं. इनके पीछे अलग-अलग वजहें तो दी ही जा रही थीं, लेकिन इस सबके बीच ये मांग भी गहरा रही थी कि विदेशी ब्रीड के वे पशु, जो खतरनाक माने जाते हैं, उनके पाले जाने पर बैन लग जाए. सरकार ने एक हद तक ये मांग मान भी ली. केंद्र ने 12 मार्च से 23 नस्लों के आक्रामक कुत्तों के आयात, बिक्री और प्रजनन पर बैन लगाने की बात करते हुए राज्य सरकारों से इसे देखने की बात कही. ये वे ब्रीड्स हैं, जो इंसानों के लिए खतरा हैं.
क्या नियम आ सकता है
पशुपालन और डेयरी विभाग ने सभी राज्यों और यूनियन टैरिटरी से आग्रह किया कि कुत्तों की कुछ खास नस्लों, जिन्हें पहले से ही पालतू जानवर के रूप में रखा गया है, उनका आगे प्रजनन न हो ऐसा इंतजाम होना चाहिए. सरकार की ये बात फिलहाल केवल रिकमंडेशन है, नियम नहीं. ये नियम तब बन सकता है, जब गजेट पास हो.
सरकार ने स्टेट्स से बैन का आग्रह किया क्योंकि हाई कोर्ट दिल्ली में इस आशय की पिटीशन फाइल हुई थी. इसमें कई एक्टिविस्ट्स ने कहा था कि कुछ खास नस्लों के लिए देश का मौसम या खानपान उतना बेहतर नहीं. उन्हें अलग ट्रेनिंग और भागदौड़ की भी जरूरत होती है. ऐसे में उन्हें पालना ब्रीड के साथ तो गलत है ही, इंसान भी इसकी चपेट में लगातार आ रहे हैं.
इन कुत्तों को माना गया क्रूर
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