देश-दुनिया में कोरोना के सुधरे हालात तो साल के अंत में अमेरिका का दौरा कर सकते हैं PM मोदी
AajTak
कोरोना संकट की शुरुआत से लेकर अभी तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोई बड़ा विदेशी दौरा नहीं किया है. हाल ही में जब कोरोना से हालात कुछ हदतक सुधरे थे, तब पीएम मोदी बांग्लादेश गए थे.
अगर कोरोना के कारण देश और दुनिया में हालात कुछ हदतक सुधरते हैं, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल के आखिर में अमेरिका का दौरा कर सकते हैं. अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू की ओर से इस तरह के संकेत दिए गए हैं. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-7 की बैठक में भी वर्चुअली तौर पर हिस्सा लिया था, वहीं अमेरिका की नई सरकार के साथ भी वह लगातार संपर्क में हैं. तरनजीत सिंह संधू की ओर से बयान दिया गया कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच अब तक तीन बार बात हो चुकी है. पीएम मोदी ने उनके साथ कई अन्य कार्यक्रमों में भी हिस्सा लिया है.लगातार संपर्क में हैं भारत-अमेरिका भारत और अमेरिका के बीच मौजूदा संबंधों को लेकर तरनजीत सिंह संधू ने कहा कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में अमेरिका का दौरा किया था, जहां उन्होंने कई अहम बैठकें की. अमेरिकी सरकार के कई मंत्री भारत का दौरा कर चुके हैं, जबकि लगातार अन्य मंत्रियों की बात हो रही है. पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे को लेकर तरनजीत सिंह संधू ने कहा कि मार्च में हुई क्वाड वर्चुअल मीटिंग में ये तय किया गया था कि 2021 के अंत तक सभी नेता इन-पर्सन मीटिंग करेंगे. अगर दुनिया में स्वास्थ्य को लेकर हालात सुधरते हैं, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल के अंत में अमेरिका का दौरा कर सकते हैं.मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.