
दिल्ली में 53 लाख से ज्यादा वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द, 80,000 सरकारी गाड़ियां भी हुई डी-रजिस्टर्ड
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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) और सुप्रीम कोर्ट के पिछले साल के आदेशों के बाद, दिल्ली सरकार ने बीते 27 मार्च तक 53.41 लाख वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है. दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने एक सघन अभियान शुरू किया है ताकि पुराने वाहनों की पहचान की जा सके और उन्हें स्क्रैपिंग के लिए भेजा जा सके.
दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने बीते 27 मार्च तक लगभग 53.41 लाख वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द (De-Registered) कर दिया है. इन वाहनों में दोपहिया, ऑटो-रिक्शा, मिनी-टेम्पो और ट्रक सहित ऐसे वाहन शामिल हैं जो अपनी चलने की उम्र पूरी कर चुके हैं. दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा इन सभी वाहनों को 27 मार्च तक डी-रजिस्टर किया गया है.
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) और सुप्रीम कोर्ट के पिछले साल के आदेशों के बाद, दिल्ली सरकार ने आदेश को लागू किया और क्रमशः 15 साल और 10 साल की उम्र पूरी करने वाले पेट्रोल और डीजल वाहनों का पंजीकरण (Vehicle Registration) रद्द करना शुरू कर दिया. दिलचस्प बात ये है कि, डी-रजिस्टर्ड वाहनों में से लगभग 80,000 ऐसे वाहन हैं विभिन्न सरकारी विभागों से संबंधित हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, विभाग ने 1990 से 2013-14 के बीच पंजीकृत वाहनों को डी-रजिस्टर्ड किया है. बता दें कि, दिल्ली में तकरीबन हर आरटीओ से भारी मात्रा में वाहनों को डी-रजिस्टर्ड किया गया है, जिनकी लिस्ट इस प्रकार है.
अलग-अलग एरिया में डी-रजिस्टर्ड वाहनों की संख्या
इसके अलावा बुराड़ी ऑटो यूनिट के 9825 रिक्शों समेत कई अन्य वाहनों का रजिस्ट्रेशन भी परिवहन विभाग ने डी-रजिस्टर कर दिया है. परिवहन विभाग ने शहर में चलने वाले पुराने वाहनों के खिलाफ अपनी कार्रवाई को और तेज कर दिया है और 29 मार्च से एक सघन अभियान शुरू किया है ताकि पुराने वाहनों की पहचान की जा सके और उन्हें स्क्रैपिंग के लिए भेजा जा सके.
राजधानी दिल्ली में प्रदूषण को कम करने की दिशा में सरकार और एनजीटी की तरफ से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. 10 साल पुराने डीजल वाहन और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन को दिल्ली में बैन करने के बाद अब सरकार उनके कबाड़ को भी उठाने की योजना शुरू कर चुकी है. सघन अभियान के तहत पुराने वाहनों की पहचान करन उनका रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा रहा है.

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