दिल्ली चुनाव: बीजेपी की ताकत और चुनौतियां, क्या मोदी फैक्टर चलेगा?
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दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की ताकत और चुनौतियों का विश्लेषण. मोदी ब्रांड, सुशासन का वादा, मजबूत संगठन और 35% का स्थिर वोट बैंक बीजेपी की ताकत है. लेकिन केजरीवाल को टक्कर देने वाले स्थानीय नेता का अभाव बड़ी चुनौती है. डबल इंजन सरकार का वादा और भ्रष्टाचार मुक्त शासन बीजेपी के मुख्य मुद्दे हो सकते हैं. क्या मोदी फैक्टर दिल्ली चुनाव में काम करेगा या बीजेपी को स्थानीय नेतृत्व विकसित करना होगा?
दिल्ली में मेरा बंगला-तेरा बंगला की इस पॉलिटिक्स में पहले सांसद संजय सिंह और मंत्री सौरभ भारद्वाज उस बंगले के तक गए जहां पहले अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री के तौर पर रहते थे. मकसद था मीडिया को अंदर ले जाकर ये दिखवाना कि बीजेपी के आरोपों का सच क्या है. कारण, बीजेपी इसी बंगले में आलीशान निर्माण को लेकर सवाल उठाती है. लेकिन पुलिस ने भीतर जाने नहीं दिया.
दिल्ली में विधानसभा चुनाव 2025 के तारीखों के ऐलान के बाद सियासी पारा बढ़ गया है. सीएम आवास को लेकर राजनीतिक विवाद बढ़ता जा रहा है. AAP नेता पहले सीएम आवास गए और अंदर जाने की जिद पर सड़क पर बैठ गए. उसके बाद प्रधानमंत्री आवास जाने की कहकर निकले तो वहां भी रास्ते में पुलिस ने रोक दिया. इस बीच, बीजेपी नेता भी बंगले विवाद में कूद पड़े और सीएम आतिशी के बंगले पर पहुंच गए.
वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर संविधान (129वां संशोधन) विधेयक और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक हाल ही में शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किए गए और समिति को भेजे गए हैं, जिस पर अब बैठक कर चर्चा हो रही है. JPC का काम है इस पर व्यापक विचार-विमर्श करना, विभिन्न पक्षकारों और विशेषज्ञों से चर्चा करना और अपनी सिफारिशें सरकार को देना.
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दुनिया में कई भाषाएं बनीं और खत्म भी हो गईं. इस बीच प्राचीन वक्त की कई लिपियों को ठीक-ठाक पढ़ लिया गया कि उनमें क्या लिखा है, लेकिन सिंधु घाटी स्क्रिप्ट अब भी अबूझ है. हाल में तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने इसे डीकोड करने वालों को बड़ा पुरस्कार देने का एलान किया. अब तक इसे समझने की सैकड़ों कोशिशें बेकार हो चुकीं.