
दिल्ली ग्राउंड रिपोर्ट पार्ट-1: बिजली-पानी, शिक्षा-रोजगार? जानें किन मुद्दों पर पहली बार वोट डालेंगे पाकिस्तान से आए हिंदू
AajTak
मजनूं का टीला और तिब्बती मार्केट से बढ़कर थोड़ा-सा आगे जाने पर एक गुरुद्वारा दिख जाता है और इसी गुरुद्वारे के ठीक बगल से पतला सा टूटा हुआ कच्चा रास्ता एक गली के अंदर जाता है. दिल्ली में ये एक ठिकाना है पाकिस्तानी हिन्दुओं का. यहां वो शरणार्थी रहते हैं जो 2011 में पाकिस्तान से भारत आए गए.
एक ऐसा दौर भी आया जब संतों को मजनू कहा गया और जहां वो रहते थे, उस जगह को मजनूं का टीला. दिल्ली में मजनूं का टीला एक मशहूर जगह है. इसके ठीक बगल में तिब्बती मार्केट है, जहां पर तिब्बती लोगों के दुकान और मकान हैं. मजनूं का टीला और तिब्बती मार्केट से बढ़कर थोड़ा-सा आगे जाने पर एक गुरुद्वारा दिख जाता है और इसी गुरुद्वारे के ठीक बगल से पतला सा टूटा हुआ कच्चा रास्ता एक गली के अंदर जाता है. दिल्ली में ये एक ठिकाना है पाकिस्तानी हिन्दुओं का. यहां वो शरणार्थी रहते हैं जो 2011 में पाकिस्तान से भारत आए गए.
यहां लगभग अब सभी को भारतीय नागरिकता मिल चुकी है. इतना ही नहीं, पाकिस्तानी हिंदू पहली बार भारत में किसी चुनाव में हिस्सा लेने जा रहे हैं. ये लोग दिल्ली चुनाव में वोट डालेंगे. कुछ लोगों के वोटिंग कार्ड बनकर तैयार हैं तो कुछ के प्रक्रिया में हैं. हम इन्हीं पाकिस्तानी हिंदुओं से मिलकर यह जानने की कोशिश की कि आखिर दिल्ली के चुनाव में उनके लिए क्या मुद्दा है और किस आधार पर वो अपने वोट का इस्तेमाल करने जा रहे हैं.
लोगों के बीच गैस, राशन कार्ड जैसे मुद्दे
सबसे पहले हम सोना दास के घर पहुंचे, जहां एक खाट पड़ी हुई थी. इसी पर सोना दास बैठे हुए थे. उनके ठीक सामने जमीन पर एक चूल्हा बना हुआ था, जिसमें लकड़ियां सुलगा दी गई और खाना बनाने की तैयारी शुरू हो चुका था. सोना दास की पत्नी रानी खाना तैयार करते-करते बोलीं कि वो अपना काम छोड़ना नहीं चाहती. वह बताती हैं कि खाना बनाने में बहुत तकलीफ होती है. सारा काम चूल्हे में ही होता है और जंगल से लकड़ियां बिन कर लानी पड़ती है. अधिकतर महिलाएं और छोटे बच्चे ही जंगल में लकड़ियां बीनने जाते हैं क्योंकि पुरुष पहले से ही घर के बाहर होते हैं.
वो कहती है कि जो उन्हें सुविधाएं देगा, वो उसी को वोट देंगे. सुविधाओं में सबसे पहले उनको गैस चाहिए. उसके बाद राशन कार्ड से अनाज भी उनके लिए एक बड़ा मुद्दा है. लेकिन इन सब के ऊपर वो कहती हैं कि जिसने उनको इस देश की नागरिकता दिलाई, सबसे पहले वह उनको ही वोट देंगी. रानी दास और सोना दास के घर में मोदी जी का एक बड़ा सा पोस्टर रखा हुआ दिखा.
'हमें फ्री बिजली पानी क्यों नहीं?'

'आयत लिखी कोई चादर नहीं जली, दोषियों को कब्र से भी खोद निकालेंगे…', नागपुर हिंसा पर बोले सीएम फडणवीस
सीएम फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि नागपुर हमेशा से शांतिप्रिय शहर रहा है, यहां तक कि 1992 के सांप्रदायिक तनाव के समय भी शहर में दंगे नहीं हुए थे. लेकिन इस बार कुछ असामाजिक तत्वों ने जानबूझकर हिंसा भड़काने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि इस मामले की पूरी जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.

नागपुर में हुई हिंसा पर सियासत तेज हो गई है. उद्धव ठाकरे गुट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस को घेरा है. नितेश राणे और टी राजा सिंह के भड़काऊ बयानों पर कार्रवाई की मांग की गई है. एफआईआर में खुलासा हुआ है कि उपद्रवियों ने महिला पुलिसकर्मियों के साथ छेड़छाड़ की और उनके कपड़े फाड़ने की कोशिश की.

औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग पर सियासत गर्म हो गई है. जहां बीजेपी से जुड़े कुछ नेता और संगठन इस मांग का समर्थन कर रहे हैं, वहीं जेडीयू और एनसीपी ने इसे गलत बताया है. विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल जैसे संगठन लगातार औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन संघ परिवार से जुड़े लोगों ने इस मांग को लेकर अब स्पष्ट संकेत दिए हैं कि संघ किसी भी प्रकार की हिंसा का समर्थन नहीं करता.

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, मंत्री प्रवेश वर्मा और भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने दिल्ली के दयाल सिंह कॉलेज के पास DTC बस डिपो के भीतर सुनहरी पूल नाले को ढकने के काम का निरीक्षण किया. इस महत्वपूर्ण परियोजना का उद्देश्य जल निकासी में सुधार करना और क्षेत्र के निवासियों को बेहतर पर्यावरण उपलब्ध कराना है.

मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में इंस्टाग्राम चैट पर धार्मिक टिप्पणी को लेकर विवाद हो गया. कोतवाली थाना क्षेत्र के इकबाल चौक पर मंगलवार रात को यह घटना हुई. पुलिस को शिकायत मिलने पर केस दर्ज किया गया. विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए, जिसके बाद पुलिस ने बाजार बंद करवाया और आरोपी युवक को हिरासत में लिया. देखें.