दिल्ली के दंगल की तारीख तय, नतीजों में किसकी होगी जय... बीजेपी को मौका या केजरीवाल लगाएंगे चौका?
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देश में कई सियासी चुनौती वाले राज्यों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी जीत चुकी है. बस एक दिल्ली बाकी है, जहां अब 5 फरवरी को 70 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा और 8 फरवरी को नतीजा आएगा. पिछले 26 साल की राजनीति को देखें तो 1999, 2014, 2019, 2024 चार बार देश का लोकसभा चुनाव बीजेपी ने जीत लिया लेकिन दिल्ली में जीत नहीं मिली.
दिल्ली में चुनावी ऐलान की दस्तक आ चुकी है. 5 फरवरी को वोटिंग और 8 फरवरी शनिवार को नतीजे आएंगे. दिल्ली समेत देश के राज्यों में फ्रीबीज यानी रेवड़ी वाली राजनीति पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 'फ्रीबीज के लिए पैसा है और जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं है'. दिल्ली चुनाव के ऐलान के दिन ही एक मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी आई है. देश में हर चुनाव में कहीं कैश का तो कहीं स्कूटी, कहीं लैपटॉप, कहीं साइकिल तो कहीं मुफ्त, बिजली, पानी वाले वादे होते हैं. ऐसे में आज सुप्रीम कोर्ट को सख्त बात कहनी पड़ी.
फ्रीबीज पर SC ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'फ्रीबीज के लिए पैसा है और जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं है.' ये टिप्पणी आगे भी याद की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने जजों की सैलरी में देरी पर राज्य सरकारों की आलोचना की है. अदालत ने कहा कि चुनावी वादों के लिए राज्य के पास पैसा होता है, लेकिन जजों की वेतन संबधी दावों को वित्तीय संकट बताया जाता है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली चुनाव में भी किए जा रहे वादों पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि 'कोई 2100 तो कोई 2500 रुपये देने की बात कर रहा है.'
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में ऑल इंडिया जज्स एसोसिएशन ने 2015 में जजों की सैलरी और रिटायरमेंट बेनिफिट्स को लेकर एक याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई करते हुए जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने आज ये टिप्पणी की.
बीजेपी के लिए दिल्ली बनी चुनौती
देश में कई सियासी चुनौती वाले राज्यों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी जीत चुकी है. बस एक दिल्ली बाकी है, जहां अब 5 फरवरी को 70 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा और 8 फरवरी को नतीजा आएगा. पिछले 26 साल की राजनीति को देखें तो 1999, 2014, 2019, 2024 चार बार देश का लोकसभा चुनाव बीजेपी ने जीत लिया लेकिन दिल्ली में जीत नहीं मिली. दिल्ली की सीमाओं से जुड़े राज्य देखें तो उत्तर प्रदेश में पिछले 26 साल में 3 बार बीजेपी सरकार बना चुकी है, जिसमें से मोदी राज के दौरान दो बार सरकार यूपी में बन चुकी है.
दिल्ली के चुनावी दंगल में कांग्रेस के हाथ का साथ सभी सहयोगी दलों ने छोड़ दिया है. इंडिया ब्लॉक के तमाम घटक दलों के द्वारा केजरीवाल को समर्थन के बावजूद भी कांग्रेस पार्टी दिल्ली में पूरे दमखम के साथ उतर रही है और 15 जनवरी को नया पार्टी मुख्यालय खोल रही है. दिल्ली की अहम सीटों पर मजबूत चेहरे उतार रही है.
दिल्ली में मेरा बंगला-तेरा बंगला की इस पॉलिटिक्स में पहले सांसद संजय सिंह और मंत्री सौरभ भारद्वाज उस बंगले के तक गए जहां पहले अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री के तौर पर रहते थे. मकसद था मीडिया को अंदर ले जाकर ये दिखवाना कि बीजेपी के आरोपों का सच क्या है. कारण, बीजेपी इसी बंगले में आलीशान निर्माण को लेकर सवाल उठाती है. लेकिन पुलिस ने भीतर जाने नहीं दिया.
दिल्ली में मेरा बंगला-तेरा बंगला की इस पॉलिटिक्स में पहले सांसद संजय सिंह और मंत्री सौरभ भारद्वाज उस बंगले के तक गए जहां पहले अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री के तौर पर रहते थे. मकसद था मीडिया को अंदर ले जाकर ये दिखवाना कि बीजेपी के आरोपों का सच क्या है. कारण, बीजेपी इसी बंगले में आलीशान निर्माण को लेकर सवाल उठाती है. लेकिन पुलिस ने भीतर जाने नहीं दिया.
दिल्ली में विधानसभा चुनाव 2025 के तारीखों के ऐलान के बाद सियासी पारा बढ़ गया है. सीएम आवास को लेकर राजनीतिक विवाद बढ़ता जा रहा है. AAP नेता पहले सीएम आवास गए और अंदर जाने की जिद पर सड़क पर बैठ गए. उसके बाद प्रधानमंत्री आवास जाने की कहकर निकले तो वहां भी रास्ते में पुलिस ने रोक दिया. इस बीच, बीजेपी नेता भी बंगले विवाद में कूद पड़े और सीएम आतिशी के बंगले पर पहुंच गए.
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