‘तेजस्वी को CM बनवाएं, खुद दिल्ली संभालें’, LJP में टूट के बाद चिराग को राजद, कांग्रेस के ऑफर
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लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में टूट होने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान अलग-थलग हो गए हैं. ऐसे में अब चिराग पासवान को विपक्षी पार्टियों ने ऑफर देना शुरू कर दिया है. कांग्रेस हो या राष्ट्रीय जनता दल, हर कोई चिराग को अपने साथ जुड़ने की बात कह रहा है.
कोरोना संकट से उबर रहे बिहार में एक बार फिर राजनीतिक गतिविधियां तेज़ हो रही हैं. लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में टूट होने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान अलग-थलग हो गए हैं. ऐसे में अब चिराग पासवान को विपक्षी पार्टियों ने ऑफर देना शुरू कर दिया है. कांग्रेस हो या राष्ट्रीय जनता दल, हर कोई चिराग को अपने साथ जोड़ने की बात कह रहा है. दरअसल, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस की तरफ से चिराग पासवान को ऑफर मिला है कि वह मौजूदा हालात में एनडीए से अलग हो और विपक्ष का दामन मजबूत करने के लिए साथ आ जाएं.तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनवाएं चिराग: RJD नेता राष्ट्रीय जनता दल के विधायक भाई बिरेंद्र ने कहा है कि बिहार में अभी की राजनीतिक परिस्थिति में यह बिल्कुल अनुकूल है कि चिराग पासवान और तेजस्वी यादव एक साथ हाथ मिलाएं. भाई बिरेंद्र ने कहा कि चिराग पासवान को तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री बनाने में मदद करनी चाहिए और उन्हें पार्टी की दिल्ली की राजनीति संभालनी चाहिए. भाई विरेंद्र बोले, “आम लोगों की मांग है कि जो हालात लोक जनशक्ति पार्टी में हुए हैं उसके बाद दोनों नौजवान नेता चिराग और तेजस्वी को एक साथ आना चाहिए. चिराग पासवान को तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए मदद करना चाहिए उन्हें खुद राष्ट्रीय राजनीति संभाली चाहिए”.कांग्रेस ने भी दिया साथ आने का न्योता राष्ट्रीय जनता दल के अलावा कांग्रेस ने भी चिराग पासवान को ऑफर दिया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि वह (चिराग) मौजूदा हालात में कांग्रेस में शामिल हो जाएं और विपक्ष को मजबूत करें. प्रेमचंद्र मिश्रा बोले कि यही सही वक्त है, जब चिराग को कांग्रेस-महागठबंधन के साथ आना चाहिए. बीजेपी और जनता दल यूनाइटेड को उनकी राजनीतिक औकात दिखाएं, अगर चिराग आते हैं तो कांग्रेस मजबूत होगी.मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
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