![तीस्ता नदी पर तीन देशों का ट्राएंगल, बांग्लादेश- भारत की बातचीत में घुस पड़ा चीन, क्यों है ये सुरक्षा पर खतरा?](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202406/667bacdd536fe-cross-border-river-teesta-project-india-bangladesh-china-265331900-16x9.jpg)
तीस्ता नदी पर तीन देशों का ट्राएंगल, बांग्लादेश- भारत की बातचीत में घुस पड़ा चीन, क्यों है ये सुरक्षा पर खतरा?
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भारत और बांग्लादेश के बीच तीस्ता नदी कंजर्वेशन प्रोजेक्ट पर बातचीत चल रही है. इसे लेकर बांग्लादेशी पीएम शेख हसीना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इसपर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भड़की हुई हैं. पहले भी ममता ने ढाका और नयी दिल्ली तीस्ता समझौते का विरोध किया था. जानिए, क्या है तीस्ता नदी का पूरा मसला.
भारत से एक टीम जल्द ही बांग्लादेश में तीस्ता नदी परियोजना पर बात करने के लिए ढाका जा सकती है. दोनों देश तीस्ता नदी पर लंबे समय से बात करते आए हैं. हालांकि इसमें बार-बार रुकावट आती रही. इस बार भी पश्चिम बंगाल की सीएम नाराज हैं. उन्होंने इसका विरोध करते हुए कहा कि बंगाल को शामिल किए बगैर बांग्लादेश से ऐसा कोई समझौता नहीं हो सकता. समझिए, क्या है तीस्ता नदी जल विवाद.
कहां है तीस्ता, कितनी बड़ी है ये नदी
नदी पर पश्चिम बंगाल का विरोध सुनने पर लगता होगा कि तीस्ता नदी पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के बीच से होकर बहती है, लेकिन ये बात नहीं. लगभग 4 सौ किलोमीटर लंबी नदी हिमालय के पौहुनरी पहाड़ से निकलती है, जो सिक्किम से सटा हुआ है. यहां से तीस्ता पश्चिम बंगाल से होते हुए बांग्लादेश चली जाती है, जहां आगे ब्रह्मपुत्र में मिल जाती है. नदी का 3 सौ किलोमीटर से ज्यादा बड़ा हिस्सा हमारे, जबकि सौ किलोमीटर से कुछ ज्यादा हिस्सा बांग्लादेश में है.
किस प्रोजेक्ट पर बार-बार होती है बात शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश पीएम शेख हसीना के बीच मुलाकात में कई करार हुए. इसमें तीस्ता नदी भी एक थी. तीस्ता रिवर कंजर्वेशन प्रोजेक्ट के तहत भारत से एक तकनीकी टीम बांग्लादेश जाएगी, जहां स्टडी के बात कई चीजें तय होंगी. इसमें नदी के जल का मैनेजमेंट और उसके संरक्षण के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना शामिल है. ये योजना अच्छी-खासी खर्चीली हो सकती है.
चीन भी प्रोजेक्ट पर दे रहा जोर
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रिपोर्ट के अनुसार सभी आरोपियों ने 2 फरवरी को इस्ताना (निषिद्ध क्षेत्र) की परिधि में बिना परमिट के सभा या जुलूस किया था. इसी केस में सिंगापुर की कोर्ट ने भारतीय मूल की कार्यकर्ता समेत तीन महिलाओं पर आरोप लगाया है. भारतीय मूल की अन्नामलाई एक जानी-मानी ह्यूमन एक्टिविस्ट हैं. जिन पर मोसामद, सिती अमीरा और अन्य को अपने साथ शामिल करके कथित अपराध को बढ़ावा देने का आरोप है.
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बोलिवियाई टेलीविजन पर बख्तरबंद वाहनों को राष्ट्रपति भवन के दरवाज़ों से टकराते हुए दिखाया गया, जबकि एक शीर्ष अधिकारी ने बोलिवियाई लोगों से लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए कहा. उधर, सरकारी भवन में प्रवेश करने से पहले जुनिगा ने प्लाजा में पत्रकारों से कहा, "निश्चित रूप से जल्द ही मंत्रियों का एक नया मंत्रिमंडल होगा. हमारा देश, हमारा राज्य इस तरह नहीं चल सकता. अभी के लिए वह आर्से को कमांडर इन चीफ के रूप में मान्यता देते हैं."