तीसरा मोर्चा, TMC का विस्तार...जानिए क्यों प्रशांत किशोर का साथ चाहती हैं ममता बनर्जी
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प्रशांत किशोर से ममता की मुलाकात साल 2015 में पटना में नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह में हुई थी. उस समय प्रशांत, नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव को बीजेपी को हराने के लिए एकजुट कर रहे थे.
प्रशांत किशोर ने भले ही I-PAC छोड़ दिया हो लेकिन उनकी टीम को ममता ने 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव तक के लिए जिम्मेदारी सौंपी है. ममता के करीबी बताते हैं कि वह प्रशांत किशोर को जाने नहीं देना चाहती थीं और अब उनके पास पीके के लिए कुछ अलग प्लान है. तो इन दिनों प्रशांत किशोर क्या कर रहे हैं? इस परिस्थिति को टीएमसी के एक सीनियर नेता इस तरह से परिभाषित करते हैं. वह कहते हैं कि दिन में कोई तारे नहीं देख सकता जबकि दिन में भी बहुत सारे तारे आकाश में होते हैं. कहा जा रहा है कि पीके अनाधिकारिक तौर पर ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी, पार्टी और राज्य सरकार का सहयोग कर रहे हैं. हालांकि, टीएमसी में पीके की भूमिका को लेकर कोई औपचारिक सफाई नहीं दी गई है.मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
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