![तालिबान ने बढ़ते दबदबे के बीच भारत को किया आगाह, रखी ये शर्त](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/photo_gallery/202108/suhail-gettyimages-1231807927-594x594_1-sixteen_nine.jpg)
तालिबान ने बढ़ते दबदबे के बीच भारत को किया आगाह, रखी ये शर्त
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तालिबान प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने इंडिया टुडे से इंटरव्यू में कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि भारत अफगानिस्तान में निष्पक्षता दिखाए, उन्हें अफगानिस्तान के लोगों के साथ होना चाहिए न कि उस सरकार के साथ जो थोपी गई हो.
अफगानिस्तान में तालिबान तेजी से रणनीतिक बढ़त हासिल कर रहा है. उसने बुधवार को तीन और अफगान प्रांतीय राजधानियों और एक स्थानीय सेना मुख्यालय पर कब्जा जमा लिया. अमेरिकी और नाटो सैनिकों की वापसी के बाद देश के उत्तर-पूर्व हिस्सा पर काबिज होने के साथ ही उन्हें अफगानिस्तान के दो-तिहाई हिस्से पर नियंत्रण मिल गया. इस बीच, तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद सुहैल शाहीन ने 'इंडिया टुडे' से स्पेशल इंटरव्यू में अफगानिस्तान में भारत की भूमिका, दोहा वार्ता सहित विभिन्न मसलों पर बातचीत की. (फोटो-Getty Images) तालिबान के प्रवक्ता से सवाल किया गया, अफगानिस्तान में भारतीयों, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की चिंता है. कंधार में वाणिज्य दूतावास को जुलाई में खाली कराया गया था, अब मजार-ए-शरीफ में वाणिज्य दूतावास को भी खाली करा लिया गया है. ऐसी चिंताएं हैं कि जब तालिबान किसी क्षेत्र में पहुंचेगा, तो भारतीयों को उस क्षेत्र से जाना होगा? इस सवाल पर सुहैल शाहीन ने कहा, 'कहानी के दो हिस्से हैं. एक हमारा है. हमने बयान जारी किए हैं कि हम अफगानिस्तान में सभी राजनयिकों और दूतावासों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. एक बार नहीं, बल्कि कई मौकों पर हमने यह बात कही है. अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद और अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात के बयान भी थे.' 'और दूसरी भारत की चिंता है. वे (भारत सरकार) उन क्षेत्रों से अपने राजनयिकों को अपनी वजहों और चिंताओं के चलते ले जा रहे हैं. यह उनके ऊपर है. लेकिन जो हमसे जुड़ा था, हम पहले ही अपनी स्थिति साफ कर चुके हैं और दूतावासों में सेवारत सभी राजनयिकों की सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता जता चुके हैं.' (फोटो-Getty Images)![](/newspic/picid-1269750-20250214181736.jpg)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात ने दोनों नेताओं के बीच गहरी मित्रता को दर्शाया. ट्रंप ने मोदी को 'आई मिस यू' कहकर स्वागत किया, जबकि मोदी ने दोनों देशों के संबंधों को '1+1=111' बताया. दोनों नेताओं ने व्यापार, सुरक्षा और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की. ट्रंप ने मोदी को 'महान नेता' और 'खास व्यक्ति' बताया. मोदी ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा. दोनों नेताओं ने यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा की और शांति की आवश्यकता पर जोर दिया.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात में दोस्ती और व्यापार पर चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की तारीफ की, लेकिन व्यापार मुद्दों पर तनाव बरकरार रहा. ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की, जो भारत के लिए चुनौती हो सकती है. मुलाकात में एफ-35 फाइटर जेट्स और तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर भी चर्चा हुई.