
तालिबान के इस कदम पर भड़का इस्लामिक देशों का संगठन OIC, कतर और यूएई भी हुए खफा
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तालिबान ने शनिवार से घरेलू और विदेशी एनजीओ में महिलाओं को काम करने पर रोक लगा दी है. तालिबान के इस कदम पर इस्लामिक देशों के संगठन Organisation of Islamic Cooperation (OIC), कतर और यूएई ने जमकर आलोचना की है. कतर ने तालिबान को नसीहत देते हुए महिलाओं के अधिकार की सम्मान करने की सलाह दी है.
अफगानिस्तान में महिलाओं पर तालिबानी अत्याचार लगातार जारी है. शनिवार को भी अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने घरेलू और विदेशी एनजीओ को लेकर अनोखा फरमान जारी किया था. तालिबान ने एनजीओ में महिलाओं को काम करने पर रोक लगा दी है. तालिबान के इस कदम पर इस्लामिक देशों के संगठन OIC, कतर और यूएई ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.
इस्लामिक देशों के संगठन ओर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन ने बयान जारी करते हुए कहा है कि तालिबान के इस कदम से अफगान महिलाओं के मौलिक अधिकारों को एक और गंभीर झटका लगा है.
ओआईसी के महासचिव हिसेन ताहा ने तालिबान के इस कदम पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि तालिबान का यह कदम प्रत्यक्ष रूप से अफगान महिलाओं के अधिकारों को और अधिक प्रभावित करने की मंशा को दर्शाता है. हिसेन ताहा ने तालिबान प्रशासन से महिलाओं के सामाजिक समावेशन और अफगानिस्तान में जरूरी अंतरराष्ट्रीय मानवीय सुरक्षा तंत्र को जारी रखने के लिए इस निर्णय पर फिर से विचार करने का आह्वान किया है.
कतर ने गहरी चिंता व्यक्त की
महिला कर्मचारियों को गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के साथ काम करने से प्रतिबंधित करने के तालिबानी फैसले पर कतर ने गहरी चिंता व्यक्त की है. कतर ने तालिबान को नसीहत देते हुए महिलाओं के अधिकार की सम्मान करने की सलाह दी है.
कतर के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि महिलाओं को भी काम चुनने और उसे करने का मानवीय अधिकार है. कतर ने तालिबान से अपने फैसले की समीक्षा करने का आह्वान किया है. कतर ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि वो महिलाओं को काम करने के अधिकार समेत सभी अधिकारों का समर्थन करता है.

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