डेढ़ साल, चार जिले और 11 कत्ल... मामूली बात पर लोगों को मार डालने वाले गे सीरियल किलर की खौफनाक कहानी
AajTak
सीरियल किलर रामस्वरूप अब तक 11 कत्ल की बात तो अपने मुंह से कबूल कर चुका है. लेकिन फिर इसके आगे वो खुद ही कहता है कि उसकी याददाश्त कमजोर है. बाकी के कत्ल याद नहीं. मतलब ये कि वो भुलक्कड़ सीरियल किलर है.
Gay Serial Killer Ram Swaroop Story: आपने धोखे से जान लेने वाले सीरियल किलर्स के बारे में तो सुना होगा, जो आसानी से पकड़े भी नहीं जाते. लेकिन जिस सीरियल किलर के बारे में हम आपको बता रहे हैं, वो धोखेबाज़ों को मारने वाला सीरियल किलर है. एक ऐसा अजीब सीरियल किलर जो अपने शिकार को मौत देने के बाद ना सिर्फ उसके पांव छू कर माफी मांगता है, बल्कि उसकी पीठ पर धोखेबाज़ लिख देता. अब सवाल उठता है कि आख़िर वो ऐसा क्यों करता था? तो आइए आपको बताते हैं इस सीरियल किलर की पूरी कहानी.
दिन में पुरुष, रात में महिला उस सीरियल किलर का नाम रामस्वरूप है. जिसकी उम्र 33 साल है. पुलिस के हाथ लगी उसकी एक तस्वीर में सिर्फ उसका चेहरा है. लेकिन रूप रेखा किसी महिला जैसी है. दरअसल, दिन का रामस्वरूप पुरुष दिखता और रात का रामस्वरूप महिला दिखती है. उसकी ये तस्वीर पंजाब पुलिस की तरफ से जारी स्केच की है, जिसने रामस्वरूप की ना सिर्फ इस दोहरी जिंदगी और दोहरे कैरैक्टर का पर्दाफाश किया. बल्कि एक ऐसा खुलासा किया जिसके आगे बाकी सीरियल किलर की कहानी तक छोटी हो जाती है.
भुलक्कड़ सीरियल किलर कैमरे पर अपना जुर्म कबूल करने वाला रामस्वरूप अब तक 11 कत्ल की बात तो अपने मुंह से कबूल कर चुका है. लेकिन फिर इसके आगे वो खुद ही कहता है कि उसकी याददाश्त कमजोर है. बाकी के कत्ल याद नहीं. मतलब ये कि वो भुलक्कड़ सीरियल किलर है, जिसे लाशों की गिनती तो याद नहीं लेकिन कमाल ये है कि हर लाश के साथ ये दो चीजें करना कभी नहीं भूला. एक कत्ल करने के बाद मरने वाले की पीठ पर धोखेबाज लिखना और दूसरा जिसका भी कत्ल करता उसके दोनों पैर हाथों से पकड़कर उससे माफी मांगना.
कत्ल के बाद पीठ पर लिखता था धोखेबाज अब सवाल ये है कि वो ऐसा क्यों करता था. क्यों वो हरेक की पीठ पर धोखेबाज लिखता और क्यों माफी मांगता. तो रामस्वरूप नाम के पंजाब के हाल के वक्त के इस सबसे बड़े सीरियल किलर की पूरी कहानी जानने से पहले चार महीने पहले हुए एक कत्ल की कहानी को समझना जरूरी है.
कत्ल के बाद किया ऐसा काम दरअसल, इसी साल 18 अगस्त को कीरतपुर साहिब में गढ़ मोड़ा टोल प्लाजा के करीब चाय पानी की दुकान चलाने वाले 37 साल के एक शख्स की हत्या कर दी गई थी. कातिल कत्ल के बाद मकतूल का मोबाइल फोन भी अपने साथ ले गया था. बाद में इसी मोबाइल के सहारे पुलिस एक शख्स तक पहुंची. तब पता चला कि ये मोबाइल उसे किसी और शख्स ने बेचा था. उसी शख्स के बताए हुलिए की बिनाह पर पंजाब पुलिस ने स्केच बनाए.
ऐसे पुलिस के हाथ चढ़ा सीरियल किलर रामस्वरूप दरअसल, चश्मदीद ने बताया था कि फोन बेचने वाला था तो आदमी लेकिन साज श्रृंगार बिल्कुल महिला जैसा कर रखा था. इसी स्केच की बिनाह पर आखिरकार पुलिस रामस्वरूप तक पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया. पंजाब पुलिस को लगा कि उसने एक कत्ल का केस सुलझा लिया. लेकिन फिर जैसे ही रामस्वरूप ने धीरे-धीरे अपना मुंह खोलना शुरु किया. पंजाब का सबसे नया सीरियल किलर उनके सामने खड़ा था.
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार पर उठे 10 बड़े सवाल. वायु प्रदूषण, यमुना नदी का प्रदूषण, खराब सड़कें, बढ़ती गंदगी, इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी, भ्रष्टाचार के आरोप, सादगी पर सवाल, वन मैन पार्टी का आरोप, 12 साल की सरकार से थकान और आधे इंजन की सरकार. केजरीवाल सरकार की नाकामियों पर विस्तृत विश्लेषण. दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले AAP सरकार की कार्यप्रणाली पर गहन नजर.
बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान की सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाया गया है. लगातार मिल रही धमकियों के बाद उनके मुंबई स्थित गैलेक्सी अपार्टमेंट को बुलेटप्रूफ बना दिया गया है. खास तौर पर उनकी बालकनी में बुलेटप्रूफ शीशे लगाए गए हैं. इससे पहले अप्रैल 2024 में सलमान के घर पर फायरिंग की घटना हुई थी. इसके अलावा उनके करीबी बाबा सिद्दीकी की हत्या ने भी चिंता बढ़ा दी थी.
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की ताकत और चुनौतियों का विश्लेषण. मोदी ब्रांड, सुशासन का वादा, मजबूत संगठन और 35% का स्थिर वोट बैंक बीजेपी की ताकत है. लेकिन केजरीवाल को टक्कर देने वाले स्थानीय नेता का अभाव बड़ी चुनौती है. डबल इंजन सरकार का वादा और भ्रष्टाचार मुक्त शासन बीजेपी के मुख्य मुद्दे हो सकते हैं. क्या मोदी फैक्टर दिल्ली चुनाव में काम करेगा या बीजेपी को स्थानीय नेतृत्व विकसित करना होगा?
दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल सबसे बड़े मुद्दे बन गए हैं. वे विपक्ष का सबसे मजबूत चेहरा हैं, जिनका मुकाबला करने के लिए बीजेपी या कांग्रेस के पास कोई बड़ा नेता नहीं है. केजरीवाल विक्टिम कार्ड खेलने में माहिर हैं और बीजेपी विरोधी वोटों को एकजुट करने की क्षमता रखते हैं. हालांकि, मनीष सिसोदिया की गैरमौजूदगी और आतिशी का बढ़ता कद भी चर्चा का विषय है. 5 फरवरी को होने वाले मतदान में यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली की जनता केजरीवाल के विक्टिम कार्ड पर कैसी प्रतिक्रिया देती है.
गुजरात के दीव में केशव होटल से गुप्त कैमरों के जरिए ग्राहकों की निजी वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग करने वाले रैकेट का खुलासा हुआ है. पुलिस ने छापेमारी कर होटल मैनेजर और संचालक को गिरफ्तार किया है. यह रैकेट पिछले छह महीनों से सक्रिय था, जिसमें हाल ही में हनीट्रैप के जरिए वसूली की जा रही थी. मामले की जांच जारी है.