
ट्रंप राज में बिना 'कागज' फंस गए 20 हजार भारतीय... आने ही वाला है फाइनल रिमूवल ऑर्डर
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अपनी चुनावी घोषणा के अनुरूप ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सख्त प्रवासन नीतियों पर अमल शुरू कर दिया है. इस सख्ती के दायरे में वैसे 20 हजार भारतीय हैं जिसके बारे में अमेरिका कहता है कि इनके पास अमेरिका में रहने के वैध कागज नहीं हैं और इन्हें वापस भेजा जाएगा. अमेरिका ने ऐसे 20 हजार भारतीयों को डिपोर्टेशन लिस्ट में डाल दिया है.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आते ही अवैध प्रवासियों पर एक्शन शुरू कर दिया है. इससे अमेरिका में रह रहे वैसे प्रवासी डर में हैं जिनके 'कागज' यानी कि वीजा दस्तावेज पूरे नहीं हैं. इन लोगों ने कानूनी विकल्पों का सहारा लेना शुरू कर दिया है. इसे लेकर भारत में भी चिंता है.
अमेरिकी प्रशासन की ओर से तैयार दस्तावेजों के अनुसार अमेरिका में लगभग 18 हजार ऐसे भारतीय हैं जिनके पास अमेरिका में रहने के लिए पर्याप्त वैध दस्तावेज नहीं हैं. ट्रंप प्रशासन ऐसे भारतीयों को नई दिल्ली वापस भेज सकता है. यही नई दिल्ली की चिंता की वजह है.
यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम इनफोर्समेंट (ICE) के आंकड़ों के अनुसार नवंबर 2024 तक 20407 लोग ऐसे थे जिन्हें अमेरिका 'बगैर दस्तावेजों' अथवा 'अधूरे दस्तावेजों' के बताता है. इन भारतीयों पर ही ट्रंप प्रशासन की पैनी नजर है. इन भारतीयों को लेकर 'फाइनल रिमूवल ऑर्डर' कभी भी आ सकता है. इनमें से 2,467 भारतीय तो यूएस इमिग्रेशन के डिटेंशन कैंप में बंद हैं. जबकि 17,940 भारतीय को अमेरिका 'पेपरलेस' बताता है.
ये आंकड़े ये बताते हैं कि अमेरिकी डिटेंशन कैंपों में रहने वाले भारत के लोग राष्ट्रीयता के आधार पर चौथे नंबर पर हैं.
प्यू रिसर्च की 2024 की एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में भारतीय तीसरे ऐसे सबसे बड़े समुदाय हैं जिन्हें अमेरिका बिना दस्तावेज वाले प्रवासी (Undocumented immigrants) मानता है. इस मामले में नंबर एक अमेरिका के पड़ोसी मेक्सिकन और दूसरे नंबर पर सल्वाडोर के नागरिक हैं.
अमेरिका ने वर्ष 2024 में इमिग्रेशन एंड कस्टम इनफोर्समेंट विभाग ने 2 लाख 70 हजार प्रवासियों को 192 देशों में डिपोर्ट किया है. इसमें भारत भी शामिल है. साल 2024 में अमेरिका ने 1529 'अवैध प्रवासी' भारतीयों को भारत वापस भेजा है.

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