
ट्रंप भी वेटिंग लिस्ट में... पुतिन ने घंटेभर कराया अमेरिकी राष्ट्रपति को इंतजार, फिर की 90 मिनट बात
AajTak
द सन की रिपोर्ट के मुताबिक, पुतिन शाम पांच बजे क्रेमलिन पहुंचे थे. वह ट्रंप का फोन आने के तय समय के एक घंटे बाद क्रेमलिन पहुंचे थे. इसके बावजूद दोनों नेताओं के बीच लगभग 90 मिनट तक बातचीत हुई.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बारे में कहा जाता है कि वह जिन नेताओं को पसंद नहीं करते हैं, मुलाकात से पहले उन्हें इंतजार कराते हैं. और ऐसे नेताओं की फेहरिस्त लंबी है. लेकिन अब कहा जा रहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध सीजफायर पर चर्चा के लिए टेलीफोन पर ही बात करने के लिए उन्होंने ट्रंप को एक घंटे का इंतजार कराया.
कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पुतिन ने फोन पर बातचीत के लिए ट्रंप को एक घंटे का इंतजार कराया. उन्होंने एक घंटे बाद ट्रंप से यूक्रेन युद्ध को लेकर चर्चा की.
इस दावे को लेकर कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं, जिनमें देखा जा सकता है कि पुतिन एक बिजनेस कॉन्फ्रेंस में है और इस कार्यक्रम के होस्ट एलेक्जेंडर शोखिन उन्हें याद दिलाते हैं कि उन्हें राष्ट्रपति ट्रंप से बात भी करनी है. इस पर पुतिन मुस्कुराकर कंधे उचकाते हुए कहते हैं कि उनकी मत सुनना... इस पर शोखिन कहते हैं कि अब हमें देखना होगा कि इस पर ट्रंप क्या कहते हैं. इस पर पुतिन कहते हैं कि मैं ट्रंप की बात नहीं कर रहा था. मैं क्रेमलिन प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव की बात कर रहा था.
द सन की रिपोर्ट के मुताबिक, पुतिन शाम पांच बजे क्रेमलिन पहुंचे थे. वह ट्रंप का फोन आने के तय समय के एक घंटे बाद क्रेमलिन पहुंचे थे. इसके बावजूद दोनों नेताओं के बीच लगभग 90 मिनट तक बातचीत हुई.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच मंगलवार को फोन पर बातचीत हुई. इस बातचीत को लेकर रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय क्रेमलिन ने बताया कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के ऊर्जा ठिकानों पर हमले 30 दिनों के लिए रोकने पर सहमति जताई है.
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब पुतिन ने किसी राष्ट्राध्यक्ष को बैठक या बातचीत के लिए लंबा इंतजार कराया है. पुतिन ने 2014 में एंजेला मार्केल को 6 घंटे तक इंतजार कराया था. बैठक का मुद्दा यूक्रेन ही था. जर्मनी और रूस के बीच यूक्रेन को लेकर तनावपूर्ण स्थितियां पनप रही थीं. दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच बैठक होने वाली थी लेकिन पुतिन ने मार्केल को करीब 4 घंटे 15 मिनट तक इंतजार कराया था.

छत्रपति शिवाजी महाराज चौक पर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के पदाधिकारियों ने सोमवार को औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था. इस दौरान कथित तौर पर औरंगजेब की तस्वीर पर चादर और कुछ इस्लामिक प्रतीकों को जलाने की घटना सामने आई, जिसके कारण कुछ लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं. इसी को लेकर पुलिस ने मामला दर्ज किया था.

'आयत लिखी कोई चादर नहीं जली, दोषियों को कब्र से भी खोद निकालेंगे…', नागपुर हिंसा पर बोले सीएम फडणवीस
सीएम फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि नागपुर हमेशा से शांतिप्रिय शहर रहा है, यहां तक कि 1992 के सांप्रदायिक तनाव के समय भी शहर में दंगे नहीं हुए थे. लेकिन इस बार कुछ असामाजिक तत्वों ने जानबूझकर हिंसा भड़काने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि इस मामले की पूरी जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.

नागपुर में हुई हिंसा पर सियासत तेज हो गई है. उद्धव ठाकरे गुट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस को घेरा है. नितेश राणे और टी राजा सिंह के भड़काऊ बयानों पर कार्रवाई की मांग की गई है. एफआईआर में खुलासा हुआ है कि उपद्रवियों ने महिला पुलिसकर्मियों के साथ छेड़छाड़ की और उनके कपड़े फाड़ने की कोशिश की.

औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग पर सियासत गर्म हो गई है. जहां बीजेपी से जुड़े कुछ नेता और संगठन इस मांग का समर्थन कर रहे हैं, वहीं जेडीयू और एनसीपी ने इसे गलत बताया है. विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल जैसे संगठन लगातार औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन संघ परिवार से जुड़े लोगों ने इस मांग को लेकर अब स्पष्ट संकेत दिए हैं कि संघ किसी भी प्रकार की हिंसा का समर्थन नहीं करता.

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, मंत्री प्रवेश वर्मा और भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने दिल्ली के दयाल सिंह कॉलेज के पास DTC बस डिपो के भीतर सुनहरी पूल नाले को ढकने के काम का निरीक्षण किया. इस महत्वपूर्ण परियोजना का उद्देश्य जल निकासी में सुधार करना और क्षेत्र के निवासियों को बेहतर पर्यावरण उपलब्ध कराना है.