ट्रंप के शपथ लेने के बाद पुतिन और जिनपिंग के बीच हुई वीडियो कॉल, देखें
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने वीडियो कॉल पर बातचीत की. पुतिन ने जिनपिंग को 'प्रिय मित्र' कहकर संबोधित किया और कहा कि दोनों देशों के संबंध आत्मनिर्भर हैं. यह बातचीत ट्रंप को संदेश देने के लिए की गई, जिन्होंने हाल ही में युक्रेन युद्ध समाप्त करने की बात कही थी. देखिए VIDEO
डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति पद के शपथ ग्रहण समारोह में भारत को विशेष सम्मान मिला. विदेश मंत्री एस जयशंकर पहली पंक्ति में बैठे थे, वो भी ट्रंप के ठीक सामने. जयशंकर प्रधानमंत्री मोदी का पत्र लेकर पहुंचे थे, जिसे उन्होंने ट्रंप को सौंपा. मोदी ने ट्रंप को बधाई देते हुए भविष्य में साथ काम करने की उम्मीद जताई. VIDEO
दिल्ली का बजट अभी 78 हजार 800 करोड़ रुपये का है. इस हिसाब से राजनीतिक दलों द्वारा किए गए अब तक के वादे से 21 हजार करोड़ रुपये केवल मुफ्त की योजनाओं को पूुरा करने में जाएंगे, बाकी 45 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा पैसा वेतन-पेंशन औऱ दूसरी मदों में चला जाएगा, तो सोचिए सड़क, पुल, यमुना की सफाई, नाले, सीवेज, प्रदूषण रोकथाम, इत्यादि पर खर्च करने के लिए पैसे कहां से आएंगे?
कोलकाता के आर जी कार मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या के दोषी को उम्रकैद की सजा दी गई है. इस फैसले पर जनता और पीड़ित परिवार नाराज़ हैं. ममता बनर्जी सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट में फांसी की मांग करने का फैसला किया है. कोर्ट ने इसे 'रेयरेस्ट ऑफ़ दी रेयर' केस नहीं माना. इस फैसले से अपराधियों के बेखौफ़ होने की चिंता जताई जा रही है. कानून व्यवस्था और न्याय प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं.
अमेरिकी मीडिया और सोशल मीडिया पर एलोन मस्क पर नाज़ी सैल्यूट करने के गंभीर आरोप लग रहे हैं. डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद हुई रैली में मस्क ने भाषण दिया और लोगों को अभिवादन किया. उनके इस जेस्चर को हिटलर के नाज़ी सैल्यूट से तुलना दी जा रही है. मस्क ने इन आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि 'हर कोई हिटलर है' वाला जुमला अब पुराना हो चुका है. VIDEO
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने वीडियो कॉल पर बातचीत की. पुतिन ने जिनपिंग को 'प्रिय मित्र' कहकर संबोधित किया और कहा कि दोनों देशों के संबंध आत्मनिर्भर हैं. यह बातचीत ट्रंप को संदेश देने के लिए की गई, जिन्होंने हाल ही में युक्रेन युद्ध समाप्त करने की बात कही थी. देखिए VIDEO
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने कई मुफ्त सुविधाओं का वादा किया है. युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए ₹15,000 की वित्तीय सहायता, 6 महीने की पेड मैटरनिटी लीव, और जरूरतमंद छात्रों को केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा शामिल है. केजरीवाल ने चेतावनी दी कि अगर भाजपा सत्ता में आई तो मुफ्त बिजली, शिक्षा और इलाज बंद हो जाएंगे. भाजपा ने इन वादों को 'मुफ्त की रेवड़ियाँ' करार दिया है. यह 'मुफ्त वाली क्रांति' दिल्ली से शुरू होकर पूरे देश में फैल सकती है.
दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुफ्त योजनाओं की होड़ लगी है. बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने 25 से अधिक मुफ्त योजनाओं की घोषणा की है. इन योजनाओं पर लगभग 25,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जो दिल्ली के वार्षिक बजट का 32% है. बीजेपी ने दलित छात्रों, प्रतियोगी परीक्षा देने वालों, ऑटो-टैक्सी चालकों और घरेलू कामगारों के लिए विशेष योजनाएं घोषित की हैं. इन योजनाओं का खर्च जनता द्वारा दिए गए टैक्स से पूरा किया जाएगा.
पुणे में 'गुलेन बैरी सिंड्रोम' (GBS) के 22 मरीज मिलने के बाद शहर में स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है. नागरिकों को जागरूक करने और घबराहट कम करने के लिए पुणे नगर निगम ने एक विशेष बैठक बुलाई है. GBS के मरीजों की रिपोर्ट राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (NIV) को भेजी गई है. डॉक्टरों और विशेषज्ञों की एक टीम बीमारी के कारणों और प्रसार के जोखिमों का विश्लेषण कर रही है.
कंगना रनौत ने आम चुनावों के पहले ही इमरजेंसी मूवी रिलीज करने की कोशिश की थी. आम तौर पर लोग यह समझ रहे थे कि फिल्म इमरजेंसी में इंदिरा गांधी को विलेन की तरह पेश किया गया होगा. पर हुआ इसके विपरीत. चुनाव के पहले फिल्म रिलीज होती तो कांग्रेस के पक्ष में ही हवा बनाती. सवाल उठता है कि कंगना ने ऐसा क्यों किया?
दिल्ली चुनाव में राजनीतिक दल मुफ्त योजनाओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जबकि शहर के असली मुद्दे जैसे वायु प्रदूषण, यमुना प्रदूषण, खराब सड़कें, कूड़े के पहाड़, और ट्रैफिक जाम पीछे छूट गए हैं. जनता भी विकास के बजाय मुफ्त सुविधाओं की मांग कर रही है. भारत की राजधानी का विकास अन्य देशों की तुलना में पीछे है, जबकि देश आर्थिक रूप से मजबूत है. चुनाव में सभी दल मुफ्त योजनाओं की घोषणा कर रहे हैं, जिससे शहर के वास्तविक विकास के मुद्दे दब गए हैं.