टेरर फंडिंग केस: गैंगस्टर्स को पैसे भेजने के आरोप में पंजाब यूनिवर्सिटी का छात्र गिरफ्तार
AajTak
पंजाब यूनिवर्सिटी का छात्र हर्षवीर सिंह बाजवा ने गैंगस्टर मनप्रीत को 20 हजार रुपये भेजे थे. यह वही मनप्रीत है जिसने बीते दिनों अपने साथियों के साथ मिला डेरा अनुयायी प्रदीप सिंह की हत्या होली मारकर हत्या की थी. घटना को 10 नवंबर को अंजाम दिया गया था. गिरफ्तार किया गया हर्षवीर सिंह बाजवा भारतीय छात्र संगठन (SOI) का कार्यकर्ता है.
पंजाब पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन सेल ( Special Operations Cell of Punjab Police ) ने टेरर फंडिंग मामले में पंजाब यूनिवर्सिटी (Punjab University) के एक छात्र को गिरफ्तार किया है. वह एमए की पढ़ाई कर रहा है, जिसकी पहचान हर्षवीर सिंह बाजवा के रूप में हुई है.
आरोप है कि उसने गैंगस्टर मनप्रीत को 20 हजार रुपये भेजे थे. यह वही मनप्रीत है जिसने 10 नवंबर को अपने साथियों के साथ मिलकर डेरा अनुयायी प्रदीप सिंह की गोली मारकर हत्या की थी. हर्षवीर सिंह भारतीय छात्र संगठन (SOI) का कार्यकर्ता है.
वह पंजाब के भवानीगढ़ का रहने वाला है और यूनिवर्सिटी में गांधीवादी अध्ययन (Gandhian Studies) की पढ़ाई कर रहा है. जांच में सामने आया है कि वो लांडा और गोल्डी बराड़ गिरोह का मेंबर भी है. लखबीर सिंह लांडा वही व्यक्ति है जिसके इशारे पर पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर आरपीजी से हमला किया गया था.
स्पेशल सेल का कहना है कि आरोपी छात्र हर्षवीर सिंह बाजवा को चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तारी के बाद उसे अदालत में पेश किया गया. जहां से तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.
ISI और खालिस्तानी संगठन ने भेजे पैसे
सूत्रों के मुताबिक ISI और खालिस्तानी संगठन हर्षवीर सिंह को पैसे भेज रहे थे. जिसमें से उसने फोरीदकोट के गैंगस्टर मनप्रीत उर्फ मणि को 20,000 रुपये ट्रांसफर किए.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.