![जिनकी थी जिम्मेदारी, उनकी ही लापरवाही भारी... महाकुंभ हादसे में 30 मौतों के कितने गुनहगार?](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202501/679a63db8b1e3-maha-kumbh-292230560-16x9.jpg)
जिनकी थी जिम्मेदारी, उनकी ही लापरवाही भारी... महाकुंभ हादसे में 30 मौतों के कितने गुनहगार?
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महाकुंभ में शानदार व्यवस्था का दम भरने वाले जिम्मेदारों के कागजी दावे ताश के पत्तों की तरह धाराशायी हो गए. आस्था की सबसे बड़ी डुबकी का मौका आया तो लोगों को भगवान के भरोसे छोड़ दिया गया. अगर व्यवस्था चाकचौबंद थी और 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के क्राउड मैनेजमेंट की पूरी तैयारी थी, तो हादसा कैसे हो गया?
महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर 10 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचे की संभावना थी. मेला प्रशासन की तरफ से भीड़ प्रबंधन के तमाम दावे किए जा रहे थे, लेकिन दावे सिर्फ दावे ही साबित हुए. भीड़ प्रबंधन में हुई लापरवाही और बदइंतजामी ने 30 श्रद्धालुओं को बेमौत मार दिया. अब सवाल यही है कि महाकुंभ में हुई भगदड़ का जिम्मेदार कौन है? आखिर महाकुंभ की जिम्मेदारी संभाल रहे अफसरों से कहां गलती हुई. कौन हैं श्रद्धालुओं की मौत के कसूरवार?
हादसे के बाद संगम तट पर NSG कमांडो ने मोर्चा संभाल लिया. संगम नोज इलाके में आम लोगों की एंट्री बंद कर दी गई. भीड़ और न बढ़े, इसलिए प्रयागराज से सटे जिलों में श्रद्धालुओं को रोक दिया गया. हादसे की खबर आते ही सीएम योगी ने ताबड़तोड़ मीटिंग की.
महाकुंभ में शानदार व्यवस्था का दम भरने वाले जिम्मेदारों के कागजी दावे ताश के पत्तों की तरह धाराशायी हो गए. आस्था की सबसे बड़ी डुबकी का मौका आया तो लोगों को भगवान के भरोसे छोड़ दिया गया. अगर व्यवस्था चाकचौबंद थी और 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के क्राउड मैनेजमेंट की पूरी तैयारी थी, तो हादसा कैसे हो गया? अब इसका जवाब जिम्मेदार अफसरों को देना है. ये अफसर हैं- भानु भास्कर एडीजी, विजय विश्वास पंथ मंडलायुक्त प्रयागराज, विजय किरण आनंद मेला अधिकारी, वैभव कृष्ण डीआईजी महाकुंभ, राजेश द्विवेदी SSP महाकुंभ. क्योंकि इन्हीं के कंधों पर महाकुंभ की तैयारियों की पूरी जिम्मेदारी सीएम योगी ने सौंपी है.
पुख्ता इंतजामों के दावे फिर नाकामी पर पर्दा डालने का खेल महाकुंभ में हुई भगदड़ से पहले तक यही अफसर बार-बार पुख्ता इंतजामों का दावा कर रहे थे, लेकिन हादसे के बाद अपनी नाकामी पर पर्दा डालने के खेल में जुट गए. एक तरफ गम है, गुस्सा है, अपनों को खोने का दर्द है, तो दूसरी तरफ महाकुंभ की बागडोर संभालने वाले अफसर. इतना बड़ा हादसा हो गया, भगदड़ में 30 श्रद्धालु बेमौत मारे गए, लेकिन अफसर अपनी लापरवाही को छिपाने में जुटे हैं. महाकुंभ से आ रही तस्वीरें चीख-चीख कर गवाही दे रही हैं कि हादसे की वजह बदइंतजामी है. लेकिन DIG महाकुंभ वैभव कृष्ण कहते हैं कि एक अफवाह से हालात बिगड़ गए, सवाल यही है कि हालात आउट ऑफ कंट्रोल क्यों और कैसे हो गए?
कंट्रोल रूम में बैठे रहे अफसर भगदड़ के बाद जिम्मेदारों ने अपनी नाकामी को दूध में पड़ी मक्खी की तरह निकाल दिया. फिल्मी सीन की तरह शूट गए वीडियो को जारी किया गया. यही दिखाने की कोशिश की गई कि उन्होंने अपनी जिम्मेदारी पूरी निष्ठा से निभाई, ये तो श्रद्धालुओं का कसूर है कि इतना बड़ा हादसा हो गया. कंट्रोल रूम में बैठे डीआईजी वैभव कृष्ण अनाउंसमेंट कर रहे थे. डीआईजी वैभव कृष्ण की जिम्मेदारी भारी भीड़ को कंट्रोल करने की थी, लेकिन वह कंट्रोल रूम में बैठे रह गए. श्रद्धालुओं को अपने हाल पर छोड़ दिया.
किसी ने जिम्मेदारी से झाला पल्ला तो किसी ने भगदड़ को नाकारा
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