'जारा' को बताया ब्रह्मोस का राज, 'अदिति' को दी BSF की जानकारी... रुपयों के बदले ऐसे देश की सुरक्षा बेच रहे 'गद्दार'
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पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी भारतीय सुरक्षा से जुड़े जवानों और वैज्ञानिकों को आए दिन हनी ट्रैप में फंसाने की कोशिश करती रहती है. इसके लिए वह सुंदर एजेंट्स से लेकर पैसों तक का भी इस्तेमाल करने से नहीं चूकते. ऐसे ही दो वाकये हाल ही में सामने आए हैं.
फेसबुक, WhatsApp या कभी Twitter पर एक प्राइवेट मैसेज आता है. जिसमें भारत के वैज्ञानिकों या डिफेंस से जुड़े सुरक्षाकर्मियों से संपर्क किया जाता है. प्यार भरी बातें करके या पैसों का लालच देकर उनसे खुफिया जानकारी हासिल करने की कोशिश होती है.
हैरानी की बात यह है कि देश की सुरक्षा के लिए बेहद अहम प्रोजेक्ट्स पर काम करने वाले कर्मचारी इस हनी ट्रैप का शिकार हो जाते हैं और किसी के साथ शेयर ना की जाने वाली जानकारियां उन्हें दे देते हैं. ऐसे ही दो मामलों के बारे में आपको बताते हैं, जिसमें DRDO के एक वैज्ञानिक और BSF के एक कर्मचारी ने बेहद जरूरी सूचनाएं दुश्मन देश के एजेंट को दे दी.
पहला केस महाराष्ट्र के पुणे शहर का है. यहां महाराष्ट्र एटीएस ने DRDO के वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर को पुणे से गिरफ्तार किया. कुरुलकर डीआरडोओ में बतौर वैज्ञानिक कार्यरत हैं. आरोप है कि उन्होंने हनी ट्रैप में फंसकर पाकिस्तान को खुफिया जानकारी दी. इस मामले में ATS की चार्जशीट के मुताबित प्रदीप पाकिस्तानी महिला एजेंट के प्रति आकर्षित हो गए थे. महिला एजेंट ने अपना नाम 'जारा दासगुप्ता' बताया था. पाकिस्तान की एजेंट ने प्रदीप से डिफेंस प्रोजेक्ट के अलावा भारतीय मिसाइल सिस्टम के बारे में बात की थी.
कैसे पकड़ा गया DRDO का वैज्ञानिक?
जारा दासगुप्ता नाम बताने वाली पाकिस्तानी एजेंट ने खुद को ब्रिटेन में सॉफ्टवेयर इंजीनियर बताया था. उसने अश्लील मैसेज और VIDEO भेजकर वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर से दोस्ती की. इन बातों का पता चलने पर जब महाराष्ट्र ATS ने जांच की तो 'जारा जासगुप्ता' का IP एड्रेस पाकिस्तान का मिला. आगे की जांच में यह भी पता चला कि पाकिस्तानी एजेंट ने वैज्ञानिक से ब्रह्मोस लॉन्चर, ड्रोन, यूसीवी, अग्नि मिसाइल लॉन्चर और मिलिट्री ब्रिजिंग सिस्टम के बारे में क्लासीफाइड जानकारी हासिल की.
शक होने पर ब्लॉक कर दिया नंबर
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