
जाफर एक्सप्रेस हाईजैकिंग, गोलीबारी और रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म... BLA के इस दावे ने उड़ा दिए थे PAK सेना के होश
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रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म हो जाने के बाद BLA ने दावा किया है कि जाते वक्त दो सौ से ज्यादा मुसाफिर उसके कब्जे में थे. जिन्हें मार दिया गया है. हालांकि पाकिस्तानी फौज इस पर चुप्पी साधे हुए है. जबकि बीएलए के 33 लड़ाकों के मारे जाने की खबर पर भी पाकिस्तानी सेना और बीएलए खामोश हैं.
Balochistan Jaffar Express Train Hijack Rescue Operation: पाकिस्तान में 39 अप जाफर एक्सप्रेस पेशावर जाने के लिए 11 मार्च की सुबह 9 बजे क्वेटा से रवाना हुई थी. दोपहर 1 बजे उस पूरी की पूरी ट्रेन को हाईजैक कर लिया गया था. 11 मार्च की दोपहर 1 बजे बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने ट्रेन को निशाना बनाया और इंजन की तरफ रॉकेट लॉंचर दागे थे. फिर, 14 मार्च को पाकिस्तानी आर्मी पहली बार मीडिया को लेकर मौके पर पहुंची थी. जहां का मंजर बेहद खौफनाक था. ट्रेन के नीचे पहियों के बीच कई लाशें पड़ी थीं. और एक जगह पर रेल की पटरी भी टूटी हुई थी.
अब रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म हो जाने के बाद बीएलए ने दावा किया है कि जाते वक्त दो सौ से ज्यादा मुसाफिर उसके कब्जे में थे. जिन्हें उन लोगों ने मार दिया है. हालांकि पाकिस्तानी फौज इस पर चुप्पी साधे हुए है. जबकि बीएलए के 33 लड़ाकों के मारे जाने की खबर पर भी पाकिस्तानी सेना और बीएलए खामोश हैं.
रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा बीएलए से उस ट्रेन को रेस्क्यू कराने के बाद जो तस्वीरें सामने आईं, उनमें इंजन से लेकर ट्रेन के सभी 9 डिब्बों की खिड़कियों के शीशे टूटे हुए थे. जिनमें से ज्यादातर शीशे गोलीबारी या फिर बीएलए के लड़ाकों ने तोड़े थे. चूंकि वो पूरा इलाका बेहद दुश्वार है. चारों तरफ पहाड़ियां है और रेलवे ट्रैक के करीब कोई सड़क भी नहीं है, इसीलिेए ट्रैक की मरम्मत में देरी हो रही थी, जिसकी वजह से जाफर एक्सप्रेस अब भी उसी जगह खड़ी थी. मरम्मत का काम पूरा होते ही ट्रेन को वहां से रवाना होना था.
हर तरफ बिखरी थीं लाशें ट्रेन के अलावा ट्रेन से दूर पहाड़ियों पर भी कई लाशें पड़ी थी. एक फ्रेम में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन भी दिखाई दे रही थी और आसपास पड़ी लाशें भी. पाकिस्तानी सेना के मुताबिक वहां पड़ी ये तमाम लाशें बीएलए के लड़ाकों की है, जो रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान पाक सेना की गोलियों का शिकार बन गए. मीडिया के साथ साथ पाकिस्तानी आर्मी के ब्रिगेडियर उमर अल्ताफ भी मौके पर पहुंचे थे.
स्नाइपर्स ने सुसाइड बॉम्बर को बनाया निशाना ब्रिगेडियर उमर अल्ताफ के मुताबिक, रेस्क्यू ऑपरेशन इसलिए मुश्किल था क्योंकि बीएलए ने जिन लोगों को बंधक बनाया था, उनके बीच में ही कई सुसाइड़ बॉम्बर खड़े थे. पर बंधक और सुसाइड बॉम्बर दोनों ही खुले में खड़े थे. इसी के बाद जरार कंपनी और एनओसीए ने पहले पूरे इलाके की रेकी की और फिर फ्रंटियर कॉप्स यानि एफसी को लॉचिंग पैड मुहैया कराया. ऑपरेशन के दौरान सबसे पहले सुसाइड बॉम्बर की पहचान कर एफसी के स्नाइपर्स ने उन्हें निशाना बनाया.
बीएलए के 33 लड़ाको को मार गिराने का दावा पाकिस्तानी आर्मी के मुताबिक, इस पूरी ट्रेन हाईजैकिंग और रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान कुल 31 लोगों की मौत हुई है. जिनमें से 23 पाकिस्तानी सेना के जवान, 3 पाकिस्तानी रेलवे के कर्मचारी और 5 मुसाफिर शामिल थे. इसके अलावा मौके पर मौजूद बीएलए के 33 लड़ाको को भी मार गिराने का दावा किया गया है. पाक सेना के मुताबिक, इस रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद जाफर एक्सप्रेस में सवार कुल 354 बंधकों को रिहा करा लिया गया.

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