
जांच से आरोपों तक... जानें कैसे दिल्ली का फर्जी बम मामला राजनीतिक हो गया
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साल 2024 में फर्जी धमकियों के दौर में दिल्ली में सत्तारूढ़ AAP को आतंकी घटनाओं से निपटने में विफल रहने के लिए पुलिस पर हमला करते देखा गया. 2025 में दिल्ली में चुनाव होने के कारण, AAP के लिए दिल्ली पुलिस पर हमला करने का यह एक आदर्श आधार था. इस मामले में राजनीतिक विवाद तो देखने को मिला लेकिन किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि प्रारंभिक जांच से कहानी में हैरान करने वाला मोड़ आएगा.
जनवरी 2024 से प्रमुख स्कूलों में बम धमकियों की खबरें सामने आने के बाद दिल्ली में तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी. शुरुआती जांच में पता चला कि 8 जनवरी को 400 स्कूलों को प्रभावित करने वाला ईमेल एक नाबालिग द्वारा किया गया गया था जो फर्जी था. एक छात्र ने कथित तौर पर अपने सीमित तकनीकी ज्ञान का इस्तेमाल करके धमकी भरा ईमेल भेजा था. पुलिस ने नाबालिग को पकड़ लिया है, जिसने ये धमकी भरा मेल भेजा था.
हालांकि साल 2024 में फर्जी धमकियों के दौर में दिल्ली में सत्तारूढ़ AAP को आतंकी घटनाओं से निपटने में विफल रहने के लिए पुलिस पर हमला करते देखा गया. 2025 में दिल्ली में चुनाव होने के कारण, AAP के लिए दिल्ली पुलिस पर हमला करने का यह एक आदर्श आधार था, जो केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आने वाली पुलिस पर पहले भी हमले कर चुकी है. इस मामले में राजनीतिक विवाद तो देखने को मिला लेकिन किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि प्रारंभिक जांच से कहानी में हैरान करने वाला मोड़ आएगा.
घटना: प्रमुख स्कूलों में दहशत
यह मामला तब शुरू हुआ जब दक्षिण दिल्ली के प्रतिष्ठित स्कूलों को ईमेल के ज़रिए बम की धमकी मिली, जिससे छात्रों, उनके अभिभावकों और स्कूल स्टाफ में दहशत फैल गई. स्कूल प्रशासन ने तुरंत दिल्ली पुलिस को सूचित किया, जिसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की.
प्रारंभिक प्रतिक्रिया:
बम निरोधक दस्ते और विशेष प्रकोष्ठ सहित कई पुलिस दल घटनास्थल पर तैनात किए गए. एहतियात के तौर पर छात्रों और कर्मचारियों को बाहर निकाला गया और स्कूल परिसर की गहन तलाशी ली गई. जांच में पाया गया कि धमकी फर्जी थी, क्योंकि किसी भी स्कूल में कोई विस्फोटक नहीं मिला.

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