जहांगीरपुरी दंगे में 6 और गिरफ्तार, अबतक 20 लोग अरेस्ट, क्राइम ब्रांच को सौंपा गया केस
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इस हिंसा के नामजद आरोपी और मास्टरमाइंड बताए जा रहे अंसार (Ansar) को भी पुलिस ने धर-दबोचा है. इस दौरान फायरिंग करने वाला असलम भी दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ गया है. इस घटना में 8 पुलिस कर्मियों समेत कुल 9 लोग घायल हो गए.
दिल्ली के जहांगीरपुरी में शनिवार को हनुमान जयंती के मौके पर हुई हिंसा मामले में पुलिस ने 6 और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में पहले ही 14 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. इन 6 लोगों को मिलाकर अब तक इस मामले में 20 गिरफ्तारी हो चुकी है. इन गिरफ्तारियों में 2 नाबालिग बच्चे भी शामिल हैं.
इन गिरफ्तारियों के साथ ही पुलिस ने अब तक 3 पिस्तौल और 5 तलवार को भी कब्जे में लिया है. पिस्तौल और तलवार का इस्तेमाल हिंसा को भड़काने के लिए किया गया था.
दिल्ली पुलिस के डीसीपी नॉर्थ-वेस्ट उषा रंगनानी ने कहा, जहांगीरपुरी हिंसा मामले में 20 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और कानून का उल्लंघन करने वाले 2 किशोरों को भी गिरफ्तार किया गया है. आरोपितों के कब्जे से 3 तमंचा और 5 तलवारें बरामद की गई हैं. उषा रंगनानी ने कहा कि इस मामले की जांच अभी जारी है. वीडियो के आधार पर आरोपियों को पहचाना जा रहा है, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हो रही है.
क्राइम ब्रांच को सौंपी गई मामले की जांच एक तरफ दिल्ली पुलिस वीडियो के जरिए जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के आरोपियों को गिरफ्तार कर रही है तो दूसरी तरफ इस मामले की जांच अब क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है. स्पेशल कमिशनर क्राइम रविंद्र यादव ने खुद जांच क्राइम ब्रांच को सौंपे जाने की पुष्टि की है. जांच के लिए स्पेशल सीपी क्राइम ब्रांच रविंद्र यादव पहुच गए हैं. उन्होंने दिल्ली पुलिस नॉर्थ वेस्ट की डीसीपी उषा रंगरानी से बातचीत की. आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया जहांगीरपुरी हिंसा मामले के आरोपियों को रोहिणी कोर्ट में पेश किया गया है. कोर्ट ले जाते समय सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. रोहिणी कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा, 15 तारीख को अंसार और असलम को पता लग गया था कि एक यात्रा निकलने वाली है, जिसके बाद इन लोगों ने पूरी तैयारी की और हिंसा को अंजाम दिया. पुलिस का पक्ष जानने के बाद कोर्ट ने अंसार और असलम को एक दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है, जबकि 12 अन्य आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
हिंसा में बच्चों को शामिल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने हिंसा मामले में बच्चों को शामिल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. दिल्ली पुलिस आयुक्त को लिखे एक पत्र में एनसीपीसीआर ने कहा कि तस्वीरों और वीडियो में कई बच्चों को पथराव करते देखा जा सकता है. उन्हें भीड़ के हिस्से के रूप में भी देखा जा सकता है जिसने हिंसा शुरू की. इसको देखते हुए किशोर न्याय अधिनियम का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए.
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