जलन, किडनैपिंग और दोस्त की हत्या... कंकाल देख भीड़ ने हत्या करने वाले को पीट-पीटकर मार डाला
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कहानी बांग्लादेश के उस लड़के की जिसे उसके दोस्तों ने जलन के कारण पहले किडनैप किया. उसके परिवार से फिरौती मांगी. फिरौती मिलने के बाद उसे रिहा नहीं किया, बल्कि मार डाला. फिर लाश को पहाड़ी पर जाकर फेंक दिया. आखिर क्या है पूरी कहानी चलिए जानते हैं.
तारीख, 28 अगस्त 2023... 20 साल का शिबली सादिक रिदोय (Shibli Sadiq Hridoy) ने अपनी मां नाहिद अख्तर को फोन किया. उसकी आवाज काफी सहमी हुई सी थी. शिबली ने मां को बताया कि उसे कुछ लोगों ने किडनैप कर लिया है और वे उसे बुरी तरह मार-पीट रहे हैं. नाहिद इससे पहले कुछ समझ पाती, कॉल कट गया.
थोड़ी देर बाद शिबली के मोबाइल से एक बार फिर नाहिद को कॉल आया. लेकिन इस बार फोन पर शिबली नहीं किसी और की आवाज थी. उसने नाहिद को कुछ ऐसी बात कही जिससे शिबली के परिवार में भूचाल आ गया. आखिर क्या है ये पूरा मामला चलिए जानते हैं विस्तार से...
शिबली सादिक रिदोय बांग्लादेश (Bangladesh) के चित्तगोंग (Chiyyagong) का रहने वाला था. परिवार बेहद गरीब था. पैसों की काफी किल्लत थी. लेकिन जिंदगी को लेकर शिबली के काफी बड़े सपने थे. और अपने इन्हीं सपनों को पूरा करने के लिए वह पढ़ाई के साथ-साथ काम भी करता था. ताकि घर वालों की आर्थिक रूप से मदद भी कर सके और अपने सपनों को भी पूरा कर सके.
माता-पिता पर बोझ न बने और पढ़ाई भी अच्छे स्कूल से हो. इसलिए वह खुद पोलट्री फॉर्म में मैनेजर की नौकरी करके अपने पैसों से स्कूल की फीस भरता था. वह कदालपुर स्कूल एंड कॉलेज में पढ़ाई कर रहा था. शिबली अपनी पढ़ाई को लेकर सीरियस तो था ही. लेकिन अपने काम को लेकर भी काफी ईमानदार था. लेकिन उसकी यही ईमानदारी उसके लिए मुसीबत बन गई. कदालपुर के जिस पोल्ट्री फॉर्म में वह नौकरी कर रहा था, वहां अल्पसंख्यक समुदाय के 6 लोग भी काम करते थे.
शिबली और उनके बीच अच्छी खासी दोस्ती भी हो चुकी थी. चूंकि, शिबली पोल्ट्री फार्म का मैनेजर था और उन लोगों का दोस्त भी. इसलिए वे लोग अपने काम को लेकर काफी लापरवाही बरतने लगे. उन्हें लगता था कि अगर वे कोई गलती करेंगे भी तो शिबली संभाल लेगा. लेकिन शिबली को ये सब गवारा नहीं था. पहले तो उसने उन्हें प्यार से समझाया. लेकिन जब वे लोग बार-बार लापरवाही बरतने लगे तो शिबली ने उन्हें टोकना शुरू कर दिया. बस यही बात उन लोगों को रास नहीं आई.
शिबली की उम्र सिर्फ 20 साल थी. जबकि, बाकी वर्कर्स 24 से 25 साल के थे. उन्हें यह चीज बुरी लगती थी कि शिबली मैनेजर है और उनसे उम्र में छोटा होने के बाबजूद उन्हें डांटता है. बस यहीं से विवाद की शुरुआत होने लगी. धीरे-धीरे विवाद इतना बढ़ गया कि शिबली और बाकी वर्कर्स के बीच एक दिन लड़ाई हो गई.
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