
जमीन से लेकर समंदर तक... भारत ही नहीं, दुनिया के 17 देशों के साथ है चीन का सीमा विवाद
AajTak
भारत और चीन के सैनिकों में एक बार फिर झड़प हुई है. ये झड़प अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में यांगत्से में हुई है. गलवान घाटी में संघर्ष के बाद ये पहली बार है जब भारत और चीन के सैनिकों में झड़प हुई है. चीन का भारत के साथ कई इलाकों को लेकर सीमा विवाद है. सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के और भी कई देशों के साथ चीन का विवाद है.
अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन की सेना में झड़प हुई है. भारतीय सेना ने सोमवार को एक बयान जारी कर इस बात की जानकारी दी. भारतीय सेना ने बताया कि ये झड़प तवांग सेक्टर में यांगत्से में 9 दिसंबर को हुई थी. इस झड़प में दोनों ओर के कुछ सैनिकों को चोट आईं हैं.
इससे पहले 15 जून 2020 को लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों में हिंसक झड़प हुई थी. गलवान घाटी की झड़प के बाद ये पहली बार है जब दोनों सेनाओं में इस तरह का टकराव हुआ है. गलवान घाटी में झड़प के दौरान भारत के 20 जवान शहीद हुए थे. वहीं, चीन ने अपने चार जवानों के मारे जाने की बात कबूल की थी. हालांकि, ऑस्ट्रेलिया के एक अखबार ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि इस झड़प में चीनी सेना के कम से कम 38 जवान मारे गए थे.
चीन की 14 देशों के साथ करीबन 22 हजार किलोमीटर लंबी सीमा लगती है, लेकिन उसके डेढ़ दर्जन देशों के साथ सीमा विवाद हैं. चीन का जमीन पर कब्जे को लेकर तो पड़ोसियों से विवाद है ही. इसके अलावा समंदर पर कब्जे को लेकर भी वो लड़ता रहता है. दक्षिणी चीन सागर को लेकर चीन का कई देशों के साथ विवाद चल रहा है.
चीन का किन-किन देशों के साथ सीमा विवाद?
समंदर में विवाद
1. फिलिपींसः दोनों के बीच दक्षिणी चीन सागर में विवाद है. चीन और फिलिपींस में स्कारबोरो और स्प्रेटली आइलैंड को लेकर विवाद है. चीन इन्हें अपना हिस्सा मानता है. जबकि, फिलिपींस का कहना है कि ये दोनों उसके हिस्से हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले साल नवंबर में चीन के जहाजों ने फिलिपींस के दो जहाजों पर वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया था.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.