
जब लाल बहादुर शास्त्री का हुआ निधन और PM बनीं इंदिरा ने परेड में भरा उत्साह... जानें रिपब्लिक डे की ये कहानियां
AajTak
गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) का आयोजन देश के सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उत्सवों में से एक है. यह दिन संविधान के लागू होने की याद में मनाया जाता है. यूं तो गणतंत्र दिवस की कई सुनहरी यादें हैं लेकिन एक बार गणतंत्र दिवस से ठीक पहले भारत को एक बड़ा झटका लगा था, जब देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का निधन हो गया था.
गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) का आयोजन देश के सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उत्सवों में से एक है. यह दिन संविधान के लागू होने की याद में मनाया जाता है. यूं तो गणतंत्र दिवस की कई सुनहरी यादें हैं लेकिन एक बार गणतंत्र दिवस से ठीक पहले भारत को एक बड़ा झटका लगा था, जब देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का निधन हो गया था. दरअसल, साल 1966 में गणतंत्र दिवस से ठीक 15 दिन पहले लाल बहादुर शास्त्री का निधन हो गया था, जिसकी वजह से गणतंत्र दिवस की तैयारियों पर गहरा असर देखने को मिला था.
लाल बहादुर शास्त्री का निधन और तैयारी में बदलाव
11 जनवरी 1966 को भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का निधन ताशकंद (उज़्बेकिस्तान) में हुआ था. जहां वे पाकिस्तान के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने गए थे. उनके निधन के बाद देश में शोक की लहर दौड़ गई और इस शोक की भावना ने गणतंत्र दिवस की तैयारियों को प्रभावित किया.
दरअसल, गणतंत्र दिवस के आयोजनों के लिए पहले से ही एक विस्तृत कार्यक्रम तैयार किया गया था, जिसमें मुख्य रूप से राष्ट्रपति द्वारा ध्वजारोहण, परेड और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन शामिल था. लेकिन प्रधानमंत्री के असामयिक निधन ने सरकार को अपनी योजनाओं में बदलाव करने के लिए मजबूर कर दिया.
दो दिन पहले पीएम बनीं इंदिरा गांधी
11 जनवरी को शास्त्री का निधन हुआ और गणतंत्र दिवस से ठीक दो दिन पहले 24 जनवरी 1966 को इंदिरा गांधी को देश का प्रधानमंत्री बनाया गया. उसके बाद 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम हुआ. ये वो दौर था, जब एक साथ देश में कई परेशानियां आई थीं. पाकिस्तान से युद्ध बीते ज्यादा दिन नहीं हुए थे. फिर शास्त्री का अचानक निधन हो गया. ऐसे में नए नेता की तलाश को लेकर भी चर्चाएं जोरों पर थीं, वहीं सामने गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम भी था.

दिल्ली के जंतर-मंतर पर मुस्लिम संगठनों ने वक्त बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और अन्य संगठनों के कार्यकर्ता देशभर से एकत्र हुए. उनका कहना है कि यह काला कानून है और उनके धार्मिक अधिकारों का हनन करता है. प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे आंदोलन करेंगे. VIDEO

हिन्दू-मुसलमान पर तेज सियासत के बीच अब केदारनाथ मंदिर पर भी इसका साया पड़ गया है. केदारनाथ की विधायक आशा नौटियाल ने केदारनाथ मंदिर में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की वकालत की की है. विधायक आशा नौटियाल ने कहा कि कुछ गैर-हिंदू तत्व केदारनाथ धाम की पवित्रता को नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं. देखिए.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की फुरफुरा शरीफ यात्रा पर विवाद छिड़ गया है. केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने इसे तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति करार दिया है. ममता इफ्तार पार्टी में शामिल होंगी. विपक्ष का आरोप है कि ममता हिंदू और मुस्लिम दोनों वोट बैंकों को साधने की कोशिश कर रही हैं. video

दिल्ली पुलिस ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक नया कदम उठाया है. यूपी के 'एंटी-रोमियो स्क्वाड' की तर्ज पर दिल्ली में 'शिष्टाचार स्क्वाड' बनाया जा रहा है. हर जिले में दो ऐसे स्क्वाड होंगे, जिनका नेतृत्व एसीपी क्राइम अगेंस्ट वीमेन करेंगी. प्रत्येक स्क्वाड में एक इंस्पेक्टर, एक सब-इंस्पेक्टर, आठ कांस्टेबल और चार महिला पुलिसकर्मी शामिल होंगे. VIDEO

लेक्स फ्रिडमैन से चर्चा की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि मेरी ताकत मोदी नहीं 140 करोड़ देशवासी, हजारों साल की महान संस्कृति मेरा सामर्थ्य है. मैं जहां भी जाता हूं, मोदी नहीं जाता है, हजारों साल की वेद से विवेकानंद की महान परंपरा को 140 करोड़ लोगों, उनके सपनों को लेकर, उनकी आकांक्षाओं को लेकर निकलता हूं. इसलिए मैं दुनिया के किसी नेता को हाथ मिलाता हूं तो मोदी हाथ नहीं मिलाता बल्कि 140 करोड़ लोगों का हाथ होता है. तो सामर्थ्य मोदी का नहीं भारत का है.

पीएम मोदी ने पाकिस्तान की आतंक परस्त नीतियों पर करारा वार किया है. अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन से बातचीत में पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया में कहीं पर भी आतंकवाद की घटना घटती है तो कहीं न कहीं पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आता है. पीएम ने दो टूक कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद का रास्ता छोडना होगा. देखें ख़बरें सुपरफास्ट.

महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. वीएचपी और बजरंग दल ने कब्र हटाने के लिए जन अभियान शुरू किया है. लोगों से तहसील दफ्तरों में जाकर मांग करने की अपील की गई है. महाराष्ट्र सरकार भी कब्र हटाने के पक्ष में है. विपक्ष इसे इतिहास का मामला बता रहा है. छत्रपति संभाजी नगर में कब्र की सुरक्षा बढ़ाई गई है. देखिए VIDEO