
जंग के बीच रूस का नाम बदलने की तैयारी में यूक्रेन, क्या इससे कमजोर पड़ जाएंगे पुतिन?
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पूरे 387 दिनों से रूस-यूक्रेन में जंग जारी है. दुनिया के कई देश भी खुलकर या छिपकर इनकी लड़ाई में शामिल हो गए हैं. इधर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने एक अलग ही कदम उठाया. वे रूस का नाम बदलने की मुहिम चला रहे हैं. एक सिग्नेचर कैंपेन में उन्होंने कहा कि रूस का नाम बदलकर मस्कॉवी कर दिया जाए.
सड़कों, शहरों और राज्यों के नाम बदलने के तो हम सभी गवाह हैं, लेकिन क्या कभी देश का नाम बदलते सुना है. वो भी जब कोई देश अपने दुश्मन देश का नाम बदलने का अभियान चला दे! रूस-यूक्रेन लड़ाई अब एक अलग ही मोड़ पर पहुंच चुकी है. यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने दुश्मन को हराने का अनोखा तरीका निकालते हुए उसका नाम बदलने का पिटीशन चलाया. इसपर 25 हजार से ज्यादा सिग्नेचर आ चुके हैं.
वे मांग कर रहे हैं कि रूस को मस्कॉवी और रशियन फेडरेशन को मस्कॉवाइट फेडरेशन कहना शुरू कर दिया जाए.
यूक्रेन का कीव पहले था ज्यादा मजबूत पिछले साल के आखिर में जेलेंस्की ने कहा कि रूस का नाम बदल दिया जाए. इसके पीछे उन्होंने वजह भी दी. जेलेंस्की का तर्क था कि रशिया सुनने में कीवियन रूस की तरह लगता है. लगभग हजार साल पहले कीवियन रूस जमीन का वो विशाल हिस्सा था, जिसमें रूस और यूक्रेन ही नहीं, स्कैंडिनेवियाई लोगों की भी आबादी थी. इस बेहद लंबे-चौड़े भूभाग की राजधानी मॉस्को नहीं, बल्कि कीव था. कीव को तब के राजा रूसी शहरों की मां का दर्जा देते. रूस और बेलारूस ने भी अपना नाम कीवियन रूस से ही निकाला.
दिया इतिहास का हवाला पीटिशन में कहा गया कि रूस जब खुद को रूस कहता है तो ये काफी कंफ्यूज करने वाला है. खासकर विदेशियों के लिए, जो कीवियन रूस का इतिहास जानते हैं. रूस खुद को कीवियन रूस का केंद्र बनाने के लिए तमाम तामझाम कर रहा है. फिल्में बन रही हैं. किताबें लिखी जा रही हैं. कीव यानी यूक्रेन को डर है कि फिक्शन साहित्य के चलते उनकी पहचान गायब हो जाएगी. यही वजह है कि अपनी पहचान और इतिहास को बनाए रखने के लिए यूक्रेन ने ये पिटीशन चलाई.
इससे क्या फर्क पड़ेगा? यूक्रेन रूस पर सीधे अटैक न करते हुए इसे हिस्ट्री से छेड़छाड़ बता रहा है. पूरा मामला कुछ इस तरह से दिखाया जा रहा है कि बड़ी संख्या में विदेशी भी इसे सच्चाई से जोड़ें और सपोर्ट देने लगें. साइन कैंपेन पर आ रहे दस्तखत ऐसा इशारा भी देने लगे हैं.
रूस का नाम मस्कॉवी क्यों? फिलहाल भौगोलिक तौर पर दुनिया का सबसे बड़ा देश कहलाते रूस का इतिहास एकदम उलट है. पहले वो छोटा सा राज्य हुआ करता, जिसका नाम मस्कॉवी. इसे मस्कॉवाय भी कहते. साल 1721 में एक रशियन शासक पीटर द ग्रेट ने मस्कॉवी को रशियन एंपायर नाम दे दिया. इस राजा ने लगभग 50 सालों तक शासन किया. इस दौरान रूस ताकतवर होने लगा. आज जो रूस दिखता है, उसके होने में इसी राजा पीटर का हाथ माना जाता है.

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