
जंग की आहट के बीच ईरान में आंतरिक कलह, सियासी बयानबाजी तक सिमट जाएगा तनाव!
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ईरान जहां इजरायल पर हमले की चेतावनी दे रहा था और कथित रूप से इसकी तैयारियों में जुटा था, वो सोमवार तक शांत पड़ गया है. मसलन, ईरान अब सियासी संकट में उलझ गया है, जहां राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के एक करीबी मंत्री ने इस्तीफा दे दिया. उन्होंने इसके लिए कई कारण भी बताए हैं.
मिडिल ईस्ट में युद्ध की आशंकाएं फिलहाल धीमी पड़ गई है. इन आशंकाओं के केंद्र में रहा ईरान फिलहाल सियासी संकट में उलझ गया है. हमास के पॉलिटिकल चीफ इस्माइल हानिया की हत्या का बदला लेने वाली खबरों को प्रमुखता देने वाली ईरानी मीडिया भी शांत है. कल तक जहां इजरायल पर संभावित हमले की खबरों को हवा दी जा रही थी, वहां आज एक अहम नेता के इस्तीफे ने मीडिया का रुख मोड़ दिया है.
ईरानी सरकार-समर्थित मीडिया इस्माइल हानिया की हत्या के विषय पर काफी हद तक चुप रहा. हालांकि, इससे पहले ईरानी मीडिया को इजरायल को चेतावनी देते देखा जा रहा था. वे संभावित मिसाइल हमले और इजरायल को सबक सिखाने जैसी रिपोर्ट को प्रमुखता दे रहे थे. दरअसल, राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के स्ट्रैटेजिक मामलों के डिप्टी जावेद जरीफ ने इस्तीफा दे दिया है.
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इस्तीफे के बाद क्या बोले जावेद जरीफ?
राष्ट्रपति पेजेशकियन ने जरीफ को डिप्टी के तौर पर नियुक्त किया था. उन्होंने अपने इस्तीफे के कई कारण बताए हैं, जिनमें नई प्रस्तावित 19 सदस्यीय मंत्रिमंडल को लेकर भी उन्होंने अपनी निराशा जाहिर की.
उन्होंने कहा, "मैं शर्मिंदा हूं कि मैं समितियों (उम्मीदवारों के चयन के लिए जिम्मेदार) के एक्सपर्ट ओपिनियन को सभ्य तरीके से लागू नहीं कर सका, और जैसा कि मैंने वादा किया था, महिलाओं, युवाओं और जातीय समूहों को मौका नहीं दे सका."

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