चीन-PAK से भी बड़ा है बांग्लादेश के साथ भारत का बॉर्डर, सीमा पर बाड़ेबंदी से घबराता है ढाका!
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भारत-बांग्लादेश को सीमा विवाद अंग्रेजों और पाकिस्तान से विरासत में मिला. भारत ने अपनी ओर से इस विवाद को सुलझाने की कोशिशें भी की, जब शेख हसीना के हाथों में देश की सत्ता थी तो 2011 और 2015 में दोनों देशों के बीच समझौता हुआ. लेकिन ढाका में सत्ता बदलते ही बांग्लादेश टकराव का रास्ता अपना रहा है.
अगर बॉर्डर की लंबाई के हिसाब से देखा जाए तो बांग्लादेश भारत का सबसे बड़ा पड़ोसी है. देश के गृह मंत्रालय के अनुसार बांग्लादेश के साथ भारत की सीमा 4096.7 किलोमीटर लंबी है. चीन के साथ हमारी सीमा 3488 किलोमीटर है, तीसरे नंबर पर आता है पाकिस्तान, जिसके साथ हमारी सीमा 3323 किलोमीटर है.
बांग्लादेश के साथ भारत की 4096.7 किलोमीटर लंबी सीमा पांच राज्यों से होकर गुजरती है. ये राज्य हैं पश्चिम बंगाल (2216.70KM), असम (263 KM), मेघालय (443 KM), त्रिपुरा (856 KM) और मिजोरम (318 KM).
ये पूरा इलाका मैदानी, नदी-तटीय, पहाड़ी/जंगल वाला है. यह इलाका घनी आबादी वाला है और कई इलाकों में सीमा के आखिरी इंच तक खेती की जाती है.
अंग्रेजों और पाकिस्तान से विरासत में मिला सीमा-विवाद
भारत और बांग्लादेश को सीमा अंग्रेज और पाकिस्तानी विरासत में देकर गये. 1947 में भारत के विभाजन के बाद रेडक्लिफ़ रेखा भारत और पूर्वी पाकिस्तान के बीच की सीमा बन गई. 1971 में बांग्लादेश की आजादी के बाद वही रेखा भारत और बांग्लादेश के बीच की रेखा बन गई. गौरतलब है कि भारत और तत्कालीन पाकिस्तान के बाद बॉर्डर बंटवारे का काम तुरंत शुरू हो गया था, लेकिन इसकी प्रगति धीमी रही. बॉर्डर सीमांकन में कई दिक्कतें थी.
हालांकि इनमें से कुछ सीमा विवादों को 1958 के नेहरू-नून समझौते द्वारा हल करने की कोशिश की गई थी, लेकिन बाद में दोनों देशों के बीच शत्रुता ने इस कार्य को अधूरा छोड़ दिया. ये विवाद आगे भी जारी रहा.
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