
चीन ने ऐसा क्या किया कि वाहवाही करने लगी श्रीलंका की सरकार?
AajTak
हंबनटोटा पोर्ट सहित कई अन्य प्रोजेक्ट के निर्माण को लेकर श्रीलंका में चीन ने जिस तरीके से अपना एजेंडा लागू किया है, उसे लेकर विश्लेषक सवाल कर रहे हैं. कई विश्लेषक मानते हैं कि चीन श्रीलंका को अपने कर्ज जाल में फंसा रहा है.
हाल के वर्षों में श्रीलंका और चीन करीब आए हैं. चीन, श्रीलंका को अपना बुनियादा ढांचा तैयार करने के लिए कर्ज के तौर पर मदद मुहैया करा रहा है. मदद मिलने से गदगद श्रीलंका चीन को अपना सबसे वफादार मित्र बताने लगा है. लेकिन हंबनटोटा पोर्ट सहित अन्य प्रोजेक्ट के निर्माण में चीन ने जिस तरीके से अपना एजेंडा लागू किया है, उसे लेकर विश्लेषक सवाल कर रहे हैं. कई विश्लेषक मानते हैं कि चीन श्रीलंका को अपने कर्ज जाल में फंसा रहा है. (फाइल फोटो-Getty Images) बहरहाल, सोमवार को उस समय भी इन विश्लेषकों ने अपनी आशंका जाहिर की जब श्रीलंका ने 50 करोड़ डॉलर के कर्ज को लेकर चीन के सरकारी चाइना डेवलपमेंट बैंक के साथ समझौता किया. इसका मकसद कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न चुनौतियों के बीच श्रीलंका की वित्तीय स्थिरता को बनाए रखना है. पिछले महीने श्रीलंका ने चीन के साथ 1.5 अरब डॉलर की मुद्रा की अदला-बदली का समझौता किया था. (फाइल फोटो-रॉयटर्स)More Related News

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.