चीन के नए विवादित मैप पर भारत के साथ आए ये देश, ताइवान की भी दो टूक
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वियतनाम, मलेशिया, फिलीपींस समेत वियतनाम ने भारत का साथ देते हुए चीन के नए मैप को खारिज कर दिया है. नए मैप में कई देशों के हिस्सों को चीन ने अपना बताया है जिस पर देश भड़के हुए हैं. वहीं, ताइवान ने मैप को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि वो बिल्कुल भी चीन का हिस्सा नहीं है.
चीन के नए नक्शे को लेकर भारत समेत कई देशों ने अपना विरोध जताया है. भारत की तरह फिलीपींस, मलेशिया, वियतनाम सहित ताइवान ने भी चीन के कथित 'स्टैंडर्ड मैप' पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. चीन ने मैप को लेकर चल रहे विवाद पर गुरुवार को कहा कि संबंधित पक्ष को इस मुद्दे की जरूरत से ज्यादा व्याख्या करने से बचना चाहिए और इसे तर्कसंगत तरीके से देखा जाना चाहिए.
स्टैंडर्ड मैप में चीन ने भारत के अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपना हिस्सा बताया है जिस पर भारत ने राजनयिक स्तर पर चीन से अपना विरोध दर्ज किया है. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कहा है कि बेतुके दावे करने से किसी दूसरे का क्षेत्र अपना नहीं हो जाता.
भारत के इस विरोध पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने गुरुवार को कहा, '28 अगस्त को चीन के प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय ने 2023 का हमारा स्टैंडर्ड मैप जारी किया. चीनी कानून के मुताबिक, संप्रभुता के तहत यह एक नियमित प्रक्रिया है. हमें उम्मीद है कि संबंधित पक्ष इसे तर्कसंगत तरीके से देखेगा और शांति से काम लेगा. संबंधित पक्ष इसे लेकर जरूरत से ज्यादा व्याख्या करने से बचे.'
चीन की आक्रामकता पर ताइवान ने क्या कहा?
चीन हमेशा से ताइवान को अपना हिस्सा बताता रहा है. चीन के नए मैप में 10-डैश लाइन है जिसमें चीन के 1948 के मैप के समान लोकतांत्रिक रूप से शासित ताइवान को शामिल किया गया है. चीन ने 2013 में भी 10वें डैश लाइन के साथ अपना मैप जारी किया था.
इसे लेकर ताइवान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेफ लियू ने कहा कि ताइवान बिल्कुल भी चीन का हिस्सा नहीं है.
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