गैर-मुस्लिम शरणार्थियों से नागरिकता के आवेदन पर क्यों है विवाद, क्या इसका CAA से कोई कनेक्शन है?
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केंद्र सरकार की ओर से 28 मई को एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था जिसमें 5 राज्यों के 13 जिलों में रहने वाले गैर-मुस्लिम शरणार्थियों से भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन मांगे गए थे. इसी नोटिफिकेशन को लेकर अब विवाद खड़ा हो गया है.
देश में एक बार फिर नागरिक (संशोधन) कानून यानी सीएए को लेकर विवाद शुरू हो गया है. ताजा विवाद गृह मंत्रालय के उस नोटिफिकेशन को लेकर शुरू हुआ है जिसमें उसने गुजरात, राजस्थान, छत्तीगढ़, हरियाणा और पंजाब के 13 जिलों में रहने वाले गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता के लिए आवेदन देने की बात कही थी. इस नोटिफिकेशन के खिलाफ इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने याचिका दायर की थी. इस मामले पर अब दो हफ्ते बाद सुनवाई है. लेकिन क्या है ये पूरा विवाद? और क्या इसका सीएए से कोई कनेक्शन है? आइए जानते हैं... क्या है मामला? 28 मई को केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से एक नोटिफिकेश जारी किया गया था. इस नोटिफिकेशन के तहत पंजाब, हरियाणा, गुजरात, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के 13 जिलों में रहने वाले गैर-मुस्लिम शरणार्थियों से भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन मांगे गए थे. इस नोटिफिकेशन में लिखा था कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थी यानी हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं. गृह मंत्रालय के इसी नोटिफिकेशन के खिलाफ आईयूएमएल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिस पर अभी सुनवाई चल रही है.मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
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