गुजरात के इस शख्स ने ISI के साथ मिलकर देश के खिलाफ रची थी खौफनाक आतंकी साजिश, कोर्ट ने ठहराया दोषी
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NIA के बयान में कहा गया है कि मंगलवार को विशेष एनआईए अदालत ने आरोपी राजकभाई कुंभार को भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के विभिन्न प्रावधानों के तहत कठोर कारावास की सजा सुनाई.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बुधवार को एक बयान जारी किया. जिसमें कहा गया कि लखनऊ की एक विशेष अदालत ने गुजरात के एक शख्स को देश में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ मिलकर साजिश रचने का दोषी ठहराया है.
देश के इस गद्दार की पहचान गुजरात के रहने वाले राजकभाई कुंभार के तौर की गई है. एनआईए के बयान में कहा गया है कि साल 2020 में दर्ज किए गए मामले में राजकभाई कुंभार दोषी ठहराए जाने वाला दूसरा आरोपी है.
बयान में कहा गया है कि मंगलवार को विशेष एनआईए अदालत ने आरोपी राजकभाई कुंभार को भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के विभिन्न प्रावधानों के तहत कठोर कारावास की सजा सुनाई. अब उसे अधिकतम छह साल की सजा हो सकती है. बयान में कहा गया है कि सभी सजाएं एक साथ चलेंगी.
पीटीआई के मुताबिक, इससे पहले, एनआईए की विशेष अदालत ने उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के निवासी राशिद को इस मामले में सजा सुनाई थी. उसके खिलाफ मूल रूप से आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस), गोमती नगर ने मामला दर्ज किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि राशिद पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के एजेंटों के संपर्क में था.
एटीएस ने उस पर पाकिस्तानी एजेंटों को भारत में संवेदनशील, सामरिक और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों के साथ-साथ भारतीय सेना की गतिविधियों की तस्वीरें उपलब्ध कराने का आरोप लगाया था. एनआईए ने कहा कि रक्षा चिह्नों सहित ये तस्वीरें उसके मोबाइल फोन से क्लिक की गई थीं.
अप्रैल 2020 में मामले को अपने हाथ में लेने वाली केंद्रीय एजेंसी ने जुलाई 2020 में राशिद के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया और बाद में फरवरी 2021 में राजकभाई कुंभार के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दायर किया गया.
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