गाजा में सीजफायर की उम्मीद बढ़ी, अमेरिकी प्रस्ताव पर इजरायल ने लगाई मुहर, हमास का इंतजार
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गाजा के लोगों को जंग से बड़ी राहत मिल सकती है. गाजा में युद्धविराम को लेकर अमेरिका की तरफ से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव पेश किया गया, जहां इस प्रस्ताव के समर्थन में 14 वोट पड़े तो वहीं वीटो की ताकत रखने वाले रूस ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया.
गाजा मे युद्ध विराम की उम्मीदें बढ़ गई हैं. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सोमवार को एक प्रस्ताव पास हुआ जिसे इजरायल ने मान लिया है. हालांकि, हमास के जवाब का इंतजार किया जा रहा है. ये नया प्रस्ताव अमेरिका की तरफ से पेश किया गया है.
सोमवार को 15 सदस्यीय वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इस प्रस्ताव के पक्ष में 14 वोट पड़े जबकि वीटो पावर रखने वाले रूस ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. उसके तरफ से दलील दी गई कि इजरायल की तरफ से आधिकारिक समझौते के बारे में स्पष्टता नहीं है.
इजरायल ने अपने कई बयानों में गाजा में युद्ध जारी रखने की बात कही है. वहीं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में फिलिस्तीनी राजदूत रियाद मनसूर ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनी लीडरशिप इस प्रस्ताव का स्वागत करती है.
इस प्रस्ताव को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 31 मई को परिषद के सामने रखा था. उन्होंने इसे इज़रायल की पहल बताया था. नए प्रस्ताव के तहत युद्धविराम तीन चरणों में होगा. जो दोनों पक्षों से प्रस्ताव की शर्तों को "बिना देरी और बिना शर्त" लागू करने का आग्रह करता है.
पहले चरण में महिलाओं, बुज़ुर्गों और घायलों सहित बंधकों की रिहाई, फिलिस्तीनी कैदियों की अदला-बदली, आबादी वाले इलाकों से इज़रायली सेना की वापसी और उत्तर समेत पूरे एन्क्लेव में फिलिस्तीनियों की घर वापसी बड़े पैमाने पर मानवीय मदद सहित पूर्ण युद्ध विराम शामिल है.
दूसरे चरण में गाजा में बंधको की रिहाई के बदले दुश्मनी का पूरी तरह खात्मा और गाजा से इज़रायली सेना की पूर्ण वापसी होगी. तीसरे चरण में गाजा के लिए बहु-वर्षीय पुनर्निमाण योजना शुरू होगी. गाजा पट्टी में बंधकों के शवों को इज़रायल को सौंपा जाएगा.
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