![गाजा में इजरायल का जबरदस्त हमला, 24 घंटे में 126 की मौत, जान बचाने के लिए मची अफरा-तफरी](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202401/659eb348bda77-idf-100959315-16x9.jpg)
गाजा में इजरायल का जबरदस्त हमला, 24 घंटे में 126 की मौत, जान बचाने के लिए मची अफरा-तफरी
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गाजा पट्टी में एक तरफ मौत के आंकड़े बढ़ रहे हैं तो दूसरी तरफ लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर उधर भाग रहे हैं. कहीं भी वो सुरक्षित नहीं महसूस कर रहे हैं. हर पल मौत के साए में जीने को मजबूर हैं. लगातार हो रहे इजरायली हमलों से ना तो घायलों को इलाज मिल पा रहा और ना ही कोई मानवीय सहायता पहुंच पा रही है.
गाजा में इजरायली सेना के जबरदस्त हमले लगातार जारी हैं. रफा शहर में पिछले 24 घंटे में 126 लोग मारे गए हैं. इस पर अमेरिका ने चिंता ज़ाहिर की है. वहीं फिलिस्तीनी राजदूत ने यूएन में फिर से मुद्दा उठाने के लिए शुक्रवार को अरब समूह की बैठक बुलाई है. हालात काफी चिंताजनक हो चुके हैं. लगातार हमले रोकने की तमाम कोशिशें अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर की जा रही हैं. इजरायल के तेल अवीव दौरे पर आए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी युद्ध को जल्द खत्म करने की बात कही है.
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि हम चाहते हैं कि ये जंग जल्द से जल्द खत्म हो जाए. इसकी वजह से बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी जान गंवाई है. लाखों की संख्या में लोग इस युद्ध की वजह से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि इजराइल अपने हितों की रक्षा को सुनिश्चित करे, ताकि दोबारा कोई 7 अक्टूबर जैसा हमला करने से पहले कई बार सोचे. देखा जाए तो अमेरिका दोतरफा बातें कर रहा है. वो जंग रोकना भी चाहता, लेकिन इजरायल का समर्थन भी कर रहा है.
गाजा पट्टी में एक तरफ मौत के आंकड़े बढ़ रहे हैं तो दूसरी तरफ लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर उधर भाग रहे हैं. कहीं भी वो सुरक्षित नहीं महसूस कर रहे हैं. हर पल मौत के साए में जीने को मजबूर हैं. लगातार हो रहे इजरायली हमलों से ना तो घायलों को इलाज मिल पा रहा और ना ही कोई मानवीय सहायता पहुंच पा रही है. यही नहीं मिस्र के अल अरिश में जर्मनी की विदेश मंत्री अन्नालीना ने 24 घंटे लिए मानवीय मदद पहुचाने के लिए रफा क्रॉसिंग खोलने की अपील भी करती दिखीं.
हालात बेहद चिताजनक हो चुके हैं. इसे लेकर संयुक्त राष्ट्र में लगातार मुद्दे उठाए जा रहे हैं. फिलिस्तीनी संयुक्त राष्ट्र के राजदूत रियाद मंसूर ने एक बार फिर से कोशिश की है. उन्होंने कहा को वो संयुक्त राष्ट्र के हर घटक का दरवाज़ा खटखटाएंगे. इससे की युद्धविराम हो सके. शुक्रवार को अरब समूह के साथ एक अहम बैठक भी बुलाई है, ताकि सुरक्षा परिषद में इस मुद्दे पर चर्चा हो सके. दोनों देशों के बीच स्थाई समाधान के लिए उन्होंने टू नेशन थ्योरी की भी बात कही है.
बताते चलें कि इजरायली हमले में अब तक 23 हजार से ज़्यादा फिलिस्तीनी नागरिक मारे जा चुके हैं. 58 हज़ार से ज़्यादा लोग घायल हैं. 23 लाख लोग बेघर हो चुके हैं. 7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद से इजरायल का पलटवार जारी है, जो हमास के खात्मे के बाद ही खत्म होगा. दूसरी तरफ इजरायल की सेना ने उत्तरी गाजा में हमास के कमांड स्ट्रक्चर को बर्बाद करने का दावा किया है. सेना के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने बताया कि इस क्षेत्र में फिलिस्तीनी लड़ाके अब छिटपुट रूप से बिना कमांडरों के लड़ रहे हैं.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात ने दोनों नेताओं के बीच गहरी मित्रता को दर्शाया. ट्रंप ने मोदी को 'आई मिस यू' कहकर स्वागत किया, जबकि मोदी ने दोनों देशों के संबंधों को '1+1=111' बताया. दोनों नेताओं ने व्यापार, सुरक्षा और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की. ट्रंप ने मोदी को 'महान नेता' और 'खास व्यक्ति' बताया. मोदी ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा. दोनों नेताओं ने यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा की और शांति की आवश्यकता पर जोर दिया.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात में दोस्ती और व्यापार पर चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की तारीफ की, लेकिन व्यापार मुद्दों पर तनाव बरकरार रहा. ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की, जो भारत के लिए चुनौती हो सकती है. मुलाकात में एफ-35 फाइटर जेट्स और तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर भी चर्चा हुई.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग पर गहन चर्चा की गई. इस चर्चा में अमेरिका ने भारत को F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट्स, स्ट्राइकर कॉम्बैट व्हीकल्स और जावलिन मिसाइल्स की पेशकश की. विशेषज्ञों का विचार है कि ये हथियार भारत की आत्मनिर्भरता नीति के सटीक अनुरूप नहीं हैं.
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रूस-यूक्रेन जंग को खत्म करने का ब्लू प्रिंट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लगभग तैयार कर लिया है. इससे पहले ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यू्क्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बातचीत की. ट्रंप चाहते हैं कि नाटो में शामिल होने की जिद्द यूक्रेन छोड़ दे लेकिन जेलेंस्की ने अपने देश की सुरक्षा का हवाला दिया है.
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PM नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुई मुलाकात में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. आतंकवाद से निपटने में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बन गई, जिसमें ठाकुर हसन राणा के प्रत्यर्पण का विषय भी शामिल था. फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में भारत-अमेरिका के सहयोग पर भी वार्ता हुई, जहाँ अमेरिकी बाजार में भारतीय जेनेरिक दवाओं की भारी मांग है.