खालिस्तान समर्थक संगठन SFJ पर बैन 5 साल के लिए बढ़ा, दिल्ली HC ट्रिब्यूनल का फैसला
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दिल्ली हाई कोर्ट के ट्रिब्यूनल ने 'सिख्स फॉर जस्टिस' (SFJ) संगठन पर लगे प्रतिबंध को पांच और वर्षों के लिए बढ़ा दिया है. SFJ पर आरोप है कि उसकी गतिविधियां भारत की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रही हैं. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के समर्थन से SFJ के राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल होने की बात सामने आई है.
दिल्ली हाई कोर्ट के ट्रिब्यूनल ने सिख्स फॉर जस्टिस संगठन पर लगाए गए पांच साल के प्रतिबंध को अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ा दिया है. यह फैसला संगठन की राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. SFJ की स्थापना अमेरिका स्थित वकील गुरपटवंत सिंह पन्नू ने की थी, जिसपर आरोप है कि कि यह संगठन भारत की आंतरिक सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था और संप्रभुता के लिए खतरा पैदा कर रहा है.
जस्टिस अनूप कुमार मेंदिरत्ता की अध्यक्षता वाली ट्रिब्यूनल ने पुष्टि की है कि SFJ लगातार भारत की सुरक्षा एजेंसियों, सरकार और संवैधानिक पदाधिकारियों को धमकी दे रहा है. गृह मंत्रालय ने पिछले साल 10 जुलाई को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA), 1967 के तहत संगठन पर प्रतिबंध की अवधि को बढ़ाया था.
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अलगाववादी, आतंकवादी और चरमपंथी तत्वों से संबंध!
ट्रिब्यूनल में सबमिशन दिया गया था कि SFJ के संबंध भारत के अन्य अलगाववादी, आतंकवादी और चरमपंथी तत्वों के साथ भी हैं. संगठन पंजाब में 'खालिस्तान' नामक एक अलग राज्य की मांग करता है और इसके लिए चरमपंथ का समर्थन करता है. SFJ ने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और NSA सहित कई संवैधानिक पदाधिकारियों को भी धमकियां दी हैं.
सोशल मीडिया पर संगठन चलाता है अभियान
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