
क्वीन एलिजाबेथ को था बोन कैंसर! अंतिम दिनों की लाइफ के बारे में कई नए दावे
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ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का सितंबर में निधन हो गया था. शाही परिवार ने उनके निधन की जानकारी देते हुए बताया था कि महारानी episodic mobility की दिक्कत से जूझ रही थीं. अब प्रिंस फिलिप के एक दोस्त ने अपनी बायोग्राफी में दावा किया है कि क्वीन अंतिम समय में एक गंभीर बीमारी से जूझ रही थीं.
Britain Queen Elizabeth II: ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का 8 सितंबर को 96 साल की उम्र में निधन हो गया था. अब उनके निधन से जुड़ी एक बड़ी जानकारी सामने आई. ब्रिटेन में सबसे लंबे समय तक राज करने वाली क्वीन अपने जीवन के अंतिम वर्षों में कैंसर से जूझ रही थीं.
यह दावा प्रिंस फिलिप के एक मित्र शैल्स ब्रैंडरेथ द्वारा लिखी गई नई जीवनी 'एलिजाबेथ: एन इंटिमेट पोर्ट्रेट' में किया गया है. उन्होंने अपनी किताब में बताया कि महारानी एलिजाबेथ बोन मैरो कैंसर से जूझ रही थीं, हालांकि क्वीन के निधन की आधिकारिक वजह वृद्धावस्था ही बताया गया था.
शाही परिवार के मुताबिक, महारानी episodic mobility की दिक्कत से जूझ रही थीं. इसमें उनको खड़े होने और चलने में परेशानी होती थी. महारानी एलिजाबेथ-II को इसी साल फरवरी में कोरोना भी हो गया था.
क्वीन को था मल्टीपल मायलोमा
शैल्स ब्रैंडरेथ ने अपनी किताब में लिखा-"मैंने सुना था कि क्वीन को मल्टीपल मायलोमा था, बोन मैरो कैंसर का एक प्रकार होता है. इसी की वजह से उनके अंतिम कुछ वर्षों में थकान, वजन घटाने जैसी तमाम खबरें सामने आई थीं.
क्वीन को चलने-फिरने में समस्या होने लगी थी, इसीलिए वह पब्लिक प्लेस और ऑफिशियल काम करने के दौरान भी नियमित रूप से छड़ी का इस्तेमाल करने लगी थीं.

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