
क्यों महाराष्ट्र सरकार चाहकर भी औरंगजेब पर नहीं ले सकती कोई बड़ा फैसला, ऐसा क्या दर्जा मिला हुआ है मकबरे को?
AajTak
औरंगजेब के मकबरे पर देश में भारी सियासत हो रही है. कई संगठन चाहते हैं कि कथित तौर पर हिंदुओं पर अत्याचार कर चुके मुगल बादशाह की कोई यादगार नहीं रखी जानी चाहिए. महाराष्ट्र के संभाजीनगर स्थित इस कब्र को सरकारी संरक्षण मिला हुआ है, और राज्य सरकार चाहकर भी मकबरे से सुरक्षा नहीं हटा सकती.
बीते कुछ हफ्तों से मुगल बादशाह औरंगजेब के नाम पर लगातार बवाल हो रहा है. यहां तक कि नागपुर में इसे लेकर हिंसा भी हो गई. कई धार्मिक संगठनों के अलावा राजनीतिक दल भी इसे लेकर दो फाड़ दिखते हैं. हालांकि औरंगजेब के मकबरे को मॉन्युमेंट ऑफ नेशनल इंपॉर्टेंस माना गया है और खुद सरकार के पास इसकी सुरक्षा का जिम्मा है. राज्य सरकार इसे डिनोटिफाई नहीं कर सकती, जब तक कि केंद्र से कोई फैसला न आ जाए.
अभी क्या हो रहा है
नागपुर में हिंसक प्रदर्शनों के बाद कर्फ्यू लगाया जा चुका है. प्रोटेस्टर लगातार मांग कर रहे हैं कि संभाजीनगर स्थित औरंगजेब का मकबरा गिरा दिया जाए. खुद राज्य के सीएम देवेंद्र फडणवीस बयान दे चुके कि मुगल बादशाह की विचारधारा का बखान करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. हालांकि इस सारे बवाल और बयानबाजियों के बीच भी एक सच ये है कि राज्य की सरकार चाहे भी तो मकबरे के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकती.
इस तरह हुई शुरुआत
ये सारा बखेड़ा तब शुरू हुआ, जब सपा के सांसद अबू आजमी ने मुगल शासक की तारीफ की. इसके बाद इसी महीने की शुरुआत में छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और सतारा से सांसद उदयनराजे भोसले ने औरंगजेब के मकबरे को गिराने की मांग की. इसके बाद से मामला तूल पकड़ता ही गया और अब देश के कई हिस्सों में कब्र को नष्ट करने की मांग हो रही है. लेकिन राज्य इसपर तब तक कोई एक्शन नहीं ले सकता, जब तक कि सेंटर कोई सलाह न दे क्योंकि मकबरे को केंद्र से ही राष्ट्रीय महत्व का स्मारक माना गया है, और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) इसे प्रोटेक्ट करता है.

'आयत लिखी कोई चादर नहीं जली, दोषियों को कब्र से भी खोद निकालेंगे…', नागपुर हिंसा पर बोले सीएम फडणवीस
सीएम फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि नागपुर हमेशा से शांतिप्रिय शहर रहा है, यहां तक कि 1992 के सांप्रदायिक तनाव के समय भी शहर में दंगे नहीं हुए थे. लेकिन इस बार कुछ असामाजिक तत्वों ने जानबूझकर हिंसा भड़काने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि इस मामले की पूरी जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.

नागपुर में हुई हिंसा पर सियासत तेज हो गई है. उद्धव ठाकरे गुट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस को घेरा है. नितेश राणे और टी राजा सिंह के भड़काऊ बयानों पर कार्रवाई की मांग की गई है. एफआईआर में खुलासा हुआ है कि उपद्रवियों ने महिला पुलिसकर्मियों के साथ छेड़छाड़ की और उनके कपड़े फाड़ने की कोशिश की.

औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग पर सियासत गर्म हो गई है. जहां बीजेपी से जुड़े कुछ नेता और संगठन इस मांग का समर्थन कर रहे हैं, वहीं जेडीयू और एनसीपी ने इसे गलत बताया है. विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल जैसे संगठन लगातार औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन संघ परिवार से जुड़े लोगों ने इस मांग को लेकर अब स्पष्ट संकेत दिए हैं कि संघ किसी भी प्रकार की हिंसा का समर्थन नहीं करता.

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, मंत्री प्रवेश वर्मा और भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने दिल्ली के दयाल सिंह कॉलेज के पास DTC बस डिपो के भीतर सुनहरी पूल नाले को ढकने के काम का निरीक्षण किया. इस महत्वपूर्ण परियोजना का उद्देश्य जल निकासी में सुधार करना और क्षेत्र के निवासियों को बेहतर पर्यावरण उपलब्ध कराना है.

मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में इंस्टाग्राम चैट पर धार्मिक टिप्पणी को लेकर विवाद हो गया. कोतवाली थाना क्षेत्र के इकबाल चौक पर मंगलवार रात को यह घटना हुई. पुलिस को शिकायत मिलने पर केस दर्ज किया गया. विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए, जिसके बाद पुलिस ने बाजार बंद करवाया और आरोपी युवक को हिरासत में लिया. देखें.