
क्या है सैंक्चुरी सिटीज, जो अवैध प्रवासियों के लिए सरकारों से भिड़ती रही, Trump 2.0 में क्या होगा?
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अमेरिका में कई ऐसे शहर हैं, जो अवैध प्रवासियों के लिए सैंक्चुरी का काम करते रहे, यानी वहां रहते घुसपैठियों पर इमिग्रेशन और कस्टम्स एन्फोर्समेंट (ICE) आसानी से हाथ नहीं डाल सकता. डोनाल्ड ट्रंप अब राष्ट्रपति हैं, और सैंक्चुरी सिटीज से इसी बात को लेकर उनकी ठन सकती है. ऐसा पहले कार्यकाल में भी हो चुका. लेकिन क्यों कुछ शहर घुसपैठियों को लेकर इतने संवेदनशील हैं?
राष्ट्रपति बनने के बाद से ही ट्रंप लगातार अवैध प्रवासियों पर लगातार कार्रवाई कर रहे हैं. कभी प्रशासन की तरफ से डिपोर्टेशन के वीडियो जारी होते हैं तो कभी 200 साल पुराना कोई एक्ट लागू हो जाता है, जो कई देशों के लोगों को शक की नजर से देखे. इसके बीच सैंक्चुरी सिटीज भी हैं, जहां अवैध इमिग्रेंट्स अब तक सबसे सुरक्षित रहे. यहां तक कि वॉशिंगटन भी इन शहरों में इमिग्रेंट्स पर हावी नहीं हो सका. जानिए, क्या है इन शहरों का फलसफा, जो बिना दस्तावेज रहते लोगों को सुरक्षा देता है.
क्या हैं सैंक्चुरी सिटीज और क्यों बन रहीं ठिकाना
अमेरिका में सैंक्चुरी सिटीज वे शहर हैं जो अवैध प्रवासियों को सुरक्षा देते हैं और संघीय एजेंसियों, खासतौर पर इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) को बहुत कम मदद करते हैं. ऐसे सौ से ज्यादा ज्यादा शहर हैं. लेकिन ये इलाके सैंक्चुरी क्यों बने?
इसके कई कारण रहे. कई शहरों ने मानवीय, सामाजिक और राजनीतिक कारणों से खुद को सैंक्चुरी घोषित किया. मसलन, अवैध इमिग्रेंट्स में से कई ऐसे हैं जो सालों से यूएस में रहते आए हैं. कई प्रवासी युद्ध, गरीबी, अपराध या उत्पीड़न से भागकर आए होते हैं और परिवार समेत बस चुके होते हैं.
ये लोग शहरों की इकनॉमी में मजबूत भूमिका निभाते रहे, जैसे कि न्यूयॉर्क, लॉस एंजेलेस और शिकागो में बिना दस्तावेज के रहते लोग खेती-किसानी से लेकर कंस्ट्रक्शन और होटल में काम करते रहे. फेडरल सरकार इनपर कड़ाई करना चाहती है लेकिन अमेरिका में राज्यों के पास भी काफी ताकत है. वे अपने लिए काम करते इन लोगों को हटाकर अपनी ही इकनॉमी को कमजोर नहीं बनाना चाहते. ऐसे में सैंक्चुरी सिटीज लोगों को अपने यहां पनाह देती रहीं और संघ की एजेंसियों से बचाती रहीं.

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