क्या सांसद बनने के बाद जेल से बाहर आ पाएगा अमृतपाल? रिहाई के लिए अमेरिका तक जोर लगा रहे समर्थक
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अब तक हुई जांच में सामने आया है कि अमृतपाल के समर्थकों ने उससे यह कहकर चुनाव लड़वाया कि अगर वह चुनाव जीत जाता है तो वह आसानी से जेल से बाहर आ जाएगा. अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह ने भी कहा है कि वह शुरुआत में चुनाव नहीं लड़ना चाहता था लेकिन उसके समर्थकों ने जब कहा कि चुनाव जीतने के बाद उसकी रिहाई आसान हो जाएगी तो वह तैयार हो गया.
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल और उसके नौ साथियों की डिटेंशन एक साल तक के लिए बढ़ा दी गई है. इसके बावजूद देश-विदेश में बसे खालिस्तान समर्थक उसे रिहा करवाने के लिए जुगत लगा रहे हैं.
शिरोमणि अकाली दल फतेह के नेताओं ने दावा किया है कि उन्होंने हाल ही भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करके अमृतपाल की रिहाई को लेकर एक ज्ञापन सौंपा है. खालिस्तान समर्थकों की मांग है कि अमृतपाल को जेल से रिहा करके उसे पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई जाए क्योंकि उसने खडूर साहिब से लोकसभा का चुनाव जीता है. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर अमृतपाल को रिहा नहीं किया गया तो वह अनशन शुरू करेंगे.
जेल से छुड़वाने के लिए लड़वाया लोकसभा चुनाव
अब तक हुई जांच में सामने आया है कि अमृतपाल के समर्थकों ने उससे यह कहकर चुनाव लड़वाया कि अगर वह चुनाव जीत जाता है तो वह आसानी से जेल से बाहर आ जाएगा. अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह ने भी कहा है कि वह शुरुआत में चुनाव नहीं लड़ना चाहता था लेकिन उसके समर्थकों ने जब कहा कि चुनाव जीतने के बाद उसकी रिहाई आसान हो जाएगी तो वह तैयार हो गया.
विदेश में भी समर्थक कर रहे रिहाई की कोशिश
देश में ही नहीं बल्कि अमृतपाल के समर्थक विदेश में रहकर भी उसकी रिहाई के लिए भारत सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं. अमेरिकी सिख वकील जसप्रीत सिंह इस बाबत अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से दो मुलाकातें कर चुके हैं. वह कमला हैरिस के अलावा अमेरिका के कई सीनेटर से भी मुलाकात कर चुके हैं ताकि अमृतपाल की रिहाई के लिए भारत पर दबाव बनाया जा सके. जसप्रीत सिंह का दावा है कि अमृतपाल सिंह की डिटेंशन गैर कानूनी है.
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